मध्य प्रदेश में हुई फायरिंग में किसानों की मौत से एक बार फिर सवालों के घेरे में बीजेपी सरकार
मध्य प्रदेश में किसानों के आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में 5 किसानों की मौत हो गई। इसी के चलते बीजेपी सरकार एक बार फिर सवालों के घेरे में है।
इंदौर: कर्ज माफी और फसल के उचित दाम की मांग को लेकर मध्य प्रदेश में किसानों का आंदोलन चल रहा है। आंदोलन के दौरान मंदसौर जिले में पुलिस की तरफ से की गई फायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गई थी। किसानों की मौत का मामला गरमाता जा रहा है। इस बाबत कांग्रेस इस मसले को लेकर भाजपा शासित राज्य सरकार को घेरने में जुट गई है।
गोलीबारी के विरोध में किसान संगठनों के साथ कांग्रेस ने बुधवार मध्य प्रदेश बंद का एलान किया है। कांग्रेस ने किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अपना अधिकार मांगने पर सरकार किसानों पर गोली चला रही है।
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राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा, 'भाजपा के न्यू इंडिया में किसान अपना अधिकार मांग रहे हैं और बदले में उन्हें गोलियां मिल रही हैं।' उनकी पार्टी ने भी लिखा है कि जो हमें खाना खिलाते हैं, सरकार उन्हें गोली खिला रही है।
डीएम के साथ मारपीट
मंदसौर जिले में हुई फायरिंग में किसानों की मौत से तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। ऐसे में डीएम स्वतंत्र कुमार गांव में लोगों को समझाने के लिए पहुंचे लेकिन किसानों ने उन्हें आता देख उन पर हल्ला बोल दिया। किसानों ने बरखेड़ापंत गांव में डीएम से मारपीट की, जिसके बाद फिर से आंदोलन उग्र हो गया। डीएम ने गांव के लोगों को आश्वासन दिया कि गोली चलाने का कोई आदेश नहीं दिया गया था।
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किसानों का हुआ अंतिम संस्कार
मंदसौर में मंगलवार को पुलिस फायरिंग के दौरान मारे गए किसानों का बुधवार को अंतिम संस्कार हुआ। पांचों किसानों का अंतिम संस्कार किया गया।
किसानों की मांग
1. मध्य प्रदेश सरकार ने एक कानून बनाकर किसानों की जमीन लेने के बदले मुआवजे की धारा 34 को हटा दिया था और किसानों के कोर्ट जाने का अधिकार वापस ले लिया था। इस कानून को हटाना किसानों की पहली मांग है।
2. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू की जाएं जिनमें कहा गया है कि किसी फसल पर जितना खर्च आता है, सरकार उसका डेढ़ गुना दाम देगी।
3. एक जून से शुरू हुए आंदोलन में जिन किसानों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं, उन्हें वापस लिया जाए और मध्य प्रदेश के किसानों की कर्जमाफी हो।
4. सरकारी डेयरी द्वारा दूध खरीदी के दाम बढ़ाए।