Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में अब पांच रुपये में मिलेगा भरपेट खाना, मुख्यमंत्री ने की दीनदयाल रसोई योजना की शुरुआत
मध्य प्रदेश सरकार ने मजदूरों और जरूरतमंदों को उनके कार्यस्थल के नजदीक पांच रुपये में भरपेट भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से दीनदयाल रसोई योजना के तहत भोजन वाहनों की शुरुआत की। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने मजदूरों और जरूरतमंदों को उनके कार्यस्थल के नजदीक पांच रुपये में भरपेट भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से दीनदयाल रसोई योजना के तहत भोजन वाहनों की शुरुआत की।
भोजन वाहनों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार चौहान ने इस अवसर पर कहा, ‘‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबों को भगवान मानते थे और उनकी प्रेरणा से ऐसे लोगों की सेवा के लिए मध्य प्रदेश में कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं।''
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उन्होंने कहा कि गरीब लोग अब रियायती दरों पर भोजन खरीद सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, 'प्रवासी श्रमिकों और अन्य जरूरतमंद नागरिकों को इस योजना के माध्यम से उनके कार्यस्थल के पास भरपेट भोजन मिल सकता है।'
चौहान ने कहा कि काम के लिए शहरों में आने वाले मजदूरों की दैनिक कमाई का एक बड़ा हिस्सा भोजन पर खर्च होता है, लेकिन अब, उन्हें अपने कार्यस्थल पर केवल पांच रुपये में ताजा भोजन मिलेगा, जिससे उनके पैसे और समय की बचत होगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने दीनदयाल रसोई योजना के तहत प्रति व्यक्ति 10 रुपये का अनुदान देने की व्यवस्था की है।
अनुदान युक्त भोजन योजना 7 फरवरी, 2017 को जिला मुख्यालय और छह प्रमुख धार्मिक स्थानों सहित 56 केंद्रों पर शुरू की गई थी। अधिकारियों के मुताबिक, फिलहाल 166 ऐसे केंद्र संचालित किए जा रहे हैं जबकि 25 ‘मोबाइल फूड वैन’ शुरु की गई हैं।
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उन्होंने कहा, 'खाद्य वाहनों, में भोजन को गर्म रखने की सुविधा है। 5 रुपये प्रति दर से थालियां हर दिन सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक प्रदान की जाएंगी। प्रत्येक वाहन की कीमत लगभग 25 लाख रुपये है।’’
ऐसे खाद्य वाहन भोपाल में तीन, इंदौर में चार, ग्वालियर और जबलपुर में दो-दो और 12 नगर निगमों और दो औद्योगिक शहरों पीथमपुर और मंडीदीप में एक-एक संचालित होंगे।
अधिकारियों ने कहा कि धीरे-धीरे, ऐसे ‘मोबाइल फूड सेंटर’ 20,000 से अधिक आबादी वाले 68 नगर निकायों में शुरू किए जाएंगे।