मध्यप्रदेश: कांग्रेस सदस्यों का हंगामा, विधानसभा की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
मध्य प्रदेश विधानसभा की बैठक सीधी जिले में हुए पेशाब प्रकरण, आदिवासियों पर कथित अत्याचार और अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों के हंगामे और नारेबाजी के बाद बुधवार को अपने तय समय से तीन दिन पहले अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा की बैठक सीधी जिले में हुए पेशाब प्रकरण, आदिवासियों पर कथित अत्याचार और अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों के हंगामे और नारेबाजी के बाद बुधवार को अपने तय समय से तीन दिन पहले अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
यह विधानसभा का आखिरी सत्र था क्योंकि इस साल के अंत में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य में चुनाव होने हैं।
सीधी जिले में एक व्यक्ति ने एक आदिवासी युवक पर पेशाब कर दिया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश फैल गया था। कांग्रेस का आरोप है कि आरोपी प्रवेश शुक्ला भाजपा का सदस्य है
विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्य प्रश्नकाल के बाद सदन में आसन के सामने आ गए और भाजपा सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे। कांग्रेस ने सीधी पेशाब कांड, आदिवासियों पर कथित अत्याचार, उज्जैन में महाकाल लोक के निर्माण में कथित भ्रष्टाचार और भोपाल के सतपुड़ा भवन अग्निकांड के मुद्दे पर सदन में नियत कामकाज रोक कर तत्काल चर्चा कराने की मांग की।
विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदस्यों से अपनी-अपनी सीट पर लौटने और अपने निर्धारित माइक से बोलने को कहा लेकिन विपक्षी सदस्य नहीं माने। कांग्रेस सदस्य सज्जन सिंह वर्मा ने सरकार पर आदिवासियों से जुड़े मुद्दों पर बात करने से भागने का आरोप लगाया। पार्टी के एक अन्य विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को ने आदिवासियों के मुद्दे पर सदन में चर्चा कराने की मांग की।
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कांग्रेस के कुछ सदस्य फर्श पर बैठ गए और नारे लगाने लगे, जिसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर गृह एवं संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विपक्ष के व्यवहार को अफसोसजनक बताया, लेकिन नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा, ''एक आदिवासी व्यक्ति के साथ अत्याचार हुआ है और वे (भाजपा) इस पर चर्चा नहीं कर रहे हैं।’’
कांग्रेस के विधायक ने उज्जैन में महाकाल लोक गलियारे के निर्माण में कथित भ्रष्टाचार की बात कही। इस साल मई में, महाकालेश्वर मंदिर परिसर में विकसित महाकाल लोक गलियारे में स्थापित 'सप्त ऋर्षियों' की सात मूर्तियों में से छह तेज हवाओं के कारण ढह गईं।
हंगामे के बीच ही गौतम की अनुमति से सदन में अनुपूरक बजट पेश किया गया। अनुपूरक बजट सहित अन्य विधेयकों को बिना किसी चर्चा के ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
इसके बाद नरोत्तम मिश्रा ने सदन की बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद अध्यक्ष गौतम ने विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमल नाथ ने मानसून सत्र के स्थगन को 'संवैधानिक मूल्यों पर मजाक' करार देते हुए कहा, 'अब हम उनके (भाजपा सरकार के) खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे।'
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उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'महाकाल लोक गलियारे के निर्माण में भ्रष्टाचार, भोपाल स्थित सतपुड़ा भवन में प्रायोजित आग की घटना, महंगाई, खराब कानून व्यवस्था की स्थिति और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों का सामना करने के लिए सरकार में नैतिक साहस की कमी है।'
हालांकि प्रदेश सरकार के प्रवक्ता मिश्रा ने विपक्ष के व्यवहार को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
उन्होंने कहा, 'हम चर्चा के लिए तैयार थे और उनसे कहा था कि हंगामा न करें, लेकिन उन्होंने हंगामा किया। हमने उन्हें बहस करने से नहीं रोका। कांग्रेस की समस्या अलग है, क्योंकि वे गांधी परिवार के समर्थन में 'मौन धरने' में भाग लेना चाहते थे। उन्होंने हंगामा किया और विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए चले गये।’’ मिश्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस को आदिवासियों या महिलाओं से जुड़े मुद्दों की कोई चिंता नहीं है। मंत्री ने विपक्षी सदस्यों पर राजनीति करने के लिए सदन के पटल का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया।
गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा पिछले सप्ताह मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार करने के बाद मध्य प्रदेश में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं, विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने बुधवार को उनके (गांधी) समर्थन में 'मौन सत्याग्रह' या मौन विरोध प्रदर्शन किया।