Mahakumbh: चार दशक से मौन, पीते हैं सिर्फ चाय और कराते हैं UPSC की तैयारी, जानिये खास साधु के बारे में
प्रयागराज: हर वर्ष महाकुंभ में लाखों श्रद्धालू और साधु-संत आते हैं। इस बार के महाकुंभ में प्रतापगढ़ के शिवशक्ति बजरंग धाम से पयाहारी मौनी बाबा आए हैं। वो पिछले 41 साल से मौन हैं और सिर्फ चाय पीते हैं। साथ ही बुलेट चलाने के भी शौकीन हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
प्रयागराज: हर वर्ष महाकुंभ में लाखों श्रद्धालू और साधु-संत आते हैं। इस बार के महाकुंभ में प्रतापगढ़ के शिवशक्ति बजरंग धाम से पयाहारी मौनी बाबा आए हैं। वो पिछले 41 साल से मौन हैं और सिर्फ चाय पीते हैं। साथ ही बुलेट चलाने के भी शौकीन हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
कौन हैं मौनी बाबा
महाकुंभ का पर्व देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। जिसमें देश के कोने-कोने से श्रद्धालू और साधु-संत पहुंच रहे हैं। इस बार के महाकुंभ में महोबा के मौनी बाबा का टेंट भी देखने को मिला। बाबा बुंदेलखंड के पयाहारी के रहने वाले हैं और पिछले 41 सालों से मौन हैं। उनका असली नाम दिनेश स्वरूप ब्रह्म्माचारी है। बाबा बताते हैं कि जब उन्होनें मौन व्रत धारण किया तब ही अन्न् को भी त्याग दिया था। तब से वो सिर्फ चाय पीते हैं। उनके टेंट में साधुओं से ज्यादा संख्या में छात्र हैं। जिन्हें बाबा वाट्सएप के जरिए पढ़ाते हैं।
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सरकारी नौकरी को छोड़ किया मौन धारण
मौनी महाराज के परिवार में ज्यादातर लोग शिक्षक हैं। मौनी बाबा ने बायलॉजी से बीएससी किया है। उनके पिता प्राचार्या थे जिनकी मृत्यु के बाद उन्हें शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति मिली थी, लेकिन तब तक मौनी महाराज का सांसारिकता से मोहभंग हो गया और उन्होंने सन्यास ले लिया। मौनी बाबा कहते हैं उनके लिए धर्म का मतलब मानव सेवा है। मौनी बाबा उनसे मिलने आए श्रद्धालुओं को भी चाय ही पिलाते हैं।
सिविल सर्विसेज की कराते हैं तैयारी
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बाबा की खास बात यह भी है कि वो स्टूडेंट्स को सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए फ्री कोचिंग देते हैं। बाबा छात्र-छात्राओं को वाट्सएप के जरिए पढ़ाते हैं और उनके लिए नोट्स भी बनाते हैं। जिसे स्ट्यूडेंट को ऑनलाइन भेज दिया जाता है। मौनी महाराज कहते हैं कि हर साल उनके 2 से 3 स्टूडेंट्स सिविल सर्विसेज सेवाओं में पास हो जाते हैं।
मौनी महाराज लिख चुके हैं ग्रंथ
मौनी महाराज बताते हैं कि मौन रहने से उर्जा का संचार होता है। जिसे उनकी उर्जा संसार के कल्याण के काम आती है। बाबा ने एक ग्रंथ भी लिखा है जिसका नाम है ‘धर्म कर्म मर्म सागर’। उन्होने अपने ग्रंथ में जन्म ले लेकर मृत्यु तक और सोने से जागने तक के सभी कार्यों को शास्त्र सम्मत नियम बताया है। बाबा की किताब प्रकाशित होने के लिए गई है, जो फरवरी तक प्रकाशित हो जाएगी।