Karnataka Assembly Election: सिद्धगंगा मठ के महंत की मतदाताओं से अपील, कर्नाटक चुनाव में बड़ी संख्या में करें मतदान
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ राज्य के एक प्रमुख धार्मिक नेता ने लोगों से बड़ी संख्या में बाहर आने और अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल करने की अपील की है।
तुमकुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ राज्य के एक प्रमुख धार्मिक नेता ने लोगों से बड़ी संख्या में बाहर आने और अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल करने की अपील की है।
सिद्धगंगा मठ के मुख्य महंत सिद्धलिंगा महास्वामी ने ‘डाइनामाइट न्यूज़’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘चुनाव लोकतंत्र का उत्सव है और प्रत्येक नागरिक को संविधान से मतदान का अधिकार मिला है। यह लोगों का कर्तव्य है कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग करें और अपने इच्छा के अनुरूप अपने नेता का चुनाव करें।’’
गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा के लिए 10 मई को मतदान होगा और 13 मई को मतों की गिनती होगी।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक कर्नाटक के मठ खुद को राजनीति से दूर रखने का दावा करते हैं, लेकिन यह भी तथ्य है कि इन धार्मिक केंद्रों का अनुपालन खास जातियां करती हैं और समुदाय के मतों का रुख उनके विचार से मुड़ सकता है क्योंकि ये स्थान अस्पतालों और शिक्षण संस्थानों का भी संचालन करते हैं और अन्य सामाजिक कार्यों से भी जुड़े हुए हैं।
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पहाड़ियों से घिरा सिद्धगंगा मठ लिंगायत समुदाय का प्रमुख मठ है जो समाज के कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए वृहद पैमाने पर शिक्षण संस्थानों का परिचालन पूरे राज्य में करता है जिसमें छात्रों को मुफ्त में भोजन और शिक्षा प्रदान की जाती है।
सिद्धगंगा मठ के मुख्य महंत ने कहा, ‘‘ लोग अपनी इच्छा से सरकार का चुनाव करेंगे। चुनाव के बाद बहुमत हासिल करने वाली पार्टी सरकार बनाएगी। मैं लोगों को केवल यह संदेश देना चाहता हूं कि वे बड़ी संख्या में मतदान करने के लिए घरों से निकलें।’’
महास्वामी ने कहा, ‘‘मठ सेवा कर रहा है और वे (नेता) आशीर्वाद लेने आते हैं। वे केवल चुनाव के समय ही नहीं बल्कि जब भी इच्छा होती है, आते हैं। हम लोगों से केवल अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए मतदान करने को कह रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ कर्नाटक के लोग सौभाग्यशाली हैं कि पूरे राज्य में मठ हैं और आप देख सकते हैं कि मठ समाज सेवा कर रहे हैं, खासतौर पर शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में। इसलिए कर्नाटक की साक्षरता दर अधिक है। मठ भोजन प्रदान कर रहे हैं और छात्रावास युक्त स्कूल सुविधा की शुरुआत की है।’’
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सिद्धगंगा मठ में गत 18 साल से देखभाल का कार्य कर रहे मुबारक ने कहा कि मठ सभी धर्मों से परे सभी लोगों के लिए है।
उन्होंने कहा, ‘‘ विभिन्न धर्मों के करीब 10 हजार छात्र मठ के संस्थानों में पढ़ रहे हैं और हजारों को रोज खाना मिल रहा है। गुरुजी सभी धर्मों को समान रूप से देखते हैं।’’