महंत शिवमूर्ति शरण को पुलिस ने किया गिरफ्तार, जानिये नाबालिग बच्चियों के यौन उत्पीड़न से जुड़ा मामला
चित्रदुर्ग मुरुगराजेंद्र बृहन मठ के महंत को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके खिलाफ पॉक्सो कानून के तहत दर्ज एक मामले में कुछ घंटे पहले ही एक अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
चित्रदुर्ग (कर्नाटक): चित्रदुर्ग मुरुगराजेंद्र बृहन मठ के महंत को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके खिलाफ पॉक्सो कानून के तहत दर्ज एक मामले में कुछ घंटे पहले ही एक अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था।
चित्रदुर्ग में द्वितीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बी के कोमला ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था और पुलिस को महंत शिवमूर्ति शरण को मंगलवार तक अपने समक्ष पेश करने का आदेश दिया था।
महंत ‘बच्चों का यौन अपराधों से संरक्षण’ (पॉक्सो) कानून के तहत दर्ज दो मामलों में से पहले में एक सितंबर, 2022 से हिरासत में थे और उच्च न्यायालय ने उन्हें आठ नवंबर को जमानत दे दी थी। इसके बाद उन्हें 16 नवंबर को यहां जेल से रिहा कर दिया गया।
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पॉक्सो कानून के तहत हिरासत में बंद महंत को मिली जमानत
महंत को रिहा किये जाने के बाद से वह दावनगेरे के विरक्ता मठ में रह रहे थे जहां से उन्हें चित्रदुर्ग पुलिस ने आज गिरफ्तार कर लिया।
उच्च न्यायालय ने महंत के खिलाफ पॉक्सो कानून के दो मामलों में से एक में जमानत के लिए अनेक शर्तें लगाई हैं जिनमें मामलों में जांच पूरी होने तक उन्हें चित्रदुर्ग जिले में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलना शामिल है।
महंत को दो लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही दो जमानत राशि जमा करने पर छोड़ा गया था और साक्ष्यों से छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित नहीं करने की चेतावनी दी गई थी।
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महंत के खिलाफ पहली शिकायत मैसुरू के एक एनजीओ ने की थी। इसमें महंत पर मठ के स्कूल में पढ़ने वाले और उसके छात्रावास में रहने वाले नाबालिग बच्चियों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था।
दूसरा मामला दो नाबालिग बच्चियों की मां की शिकायत पर दर्ज किया गया जिन्होंने आरोप लगाया कि उनकी दो बेटियों और दो अन्य नाबलिग बच्चियों का महंत ने 2019 और 2022 में उस समय यौन शोषण किया था जब वे छात्रावास में रह रही थीं।