राष्ट्रीय मानवाधिकार पहुंचा महराजगंज बस स्टेशन कांड में युवक की मौत का मामला, सख्त कार्यवाही की उठी मांग
28 सितंबर को हुए ट्रक हादसे में तीन दिन बाद लाश मिलने से हर जगह सनसनी मच गई है। इसमें प्रशासन की घोर लापरवाही का एक बड़ा उदाहरण देखने को मिला है। अब ये मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार तक पहुंच गया है और शिकायतकर्ता ने लापरवाह अफसरों के ऊपर कार्यवाही की मांग किया है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर..
महराजगंजः बीते दिनों बस स्टेशन के सामने एक चाय की दुकान में गिट्टी से भरी ट्रक पलट गया था। आनन फानन में जिला प्रशासन ने ट्रक को तो उठवा दिया लेकिन गिट्टी वही पर रह गई। 3 दिन बाद वहां से बदबू आने और कुत्ते मंडराने के बाद जब गिट्टी हटवाया गया तो उसके नीचे एक आदमी का शव दबा मिला।
यह भी पढ़ें |
पूर्व मंत्री सुशील टिबड़ेवाल ने किया सिसवा विधानसभा के दो दर्जन गांवों का तूफ़ानी दौरा
इस घटना के बाद अफसरों और प्रशासलन की घोर लापरवाही देखने को मिली है। प्रशासन की लापरवाही और बेशर्मी को देखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता और मावाधिकार कार्यकर्ता विनय पांडेय ने लापरवाही की शिकायत मानवाधिकार से किया और जांच कर मृतक के परिजनों को मुआवजा और लापरवाह अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग किया है।
यह भी पढ़ें |
महराजगंज: ठूठीबारी जा रही यूपी रोडवेज की बस खाई में पलटी, टला बड़ा हादसा
बिना जांच कराए एडीएम ने बयान दिया था, कोई नहीं दबा है, सब ठीक ठाक है। घटना वाले दिन मौके पर पहुंचे एडीएम कुंज बिहारी अग्रवाल ने हसंते हुए बिना जांच कराए मीडिया कर्मियों को दिए बयान में कहा था कि उसके निचे कोई नहीं दबा है और सब ठीक ठाक है। लेकिन 3 दिन बाद बदबू आने और कुत्तों के मंडराने के बाद जब गिट्टी हटवाया गया तो वहां एक गरीब व्यक्ति की लाश मिली। लोगों का कहना है अगर उसी समय वहां से गिट्टियां हटवा दी जाती तो शायद एक गरीब और बेगुनाह की जान बच जाती।