महराजगंज: महिला कांस्टेबल सड़क हादसे में बुरी तरह हुईं घायल, अस्पताल में डॉक्टर मिले नदारद, जानिये कैसे हुआ इलाज
महराजगंज जनपद में परसामलिक थाने की महिला कांस्टेबल एक सड़क हादसे में बुरी तरह घायल हो गई। पुलिस उनको इलाज के लिये अस्पताल लेकर पहुंची लेकिन हॉस्पिटल में डॉक्टर नदारद रहे। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नौतनवा (महराजगंज): अस्पतालों में इमर्जेंसी में मरीजों को सही समय पर इलाज उपलब्ध कराने के सरकार के दावे फेल होते हुए प्रतीत हो रहे हैं। जनपद में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। सड़क हादसे में घायल महिला कांस्टेबल को जैसे ही इलाज के लिये अस्पताल पहुंचाया गया, वहां डॉक्टर नदारद मिले।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार नौतनवा तहसील के रतनपुर CHC पर परसामलिक थाने की एक महिला कांस्टेबल का एक्सीडेंट हो गया। इस सड़क हादसे में महिला कांस्टेबल के सिर में गंभीर चोटें आईं।
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घायल महिला को इलाज के लिये अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन वहां सिर्फ एक स्टाफ नर्स अजय आनंद ही मौजूद थे। इमर्जेंसी में कोई डॉक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं था। स्टाफ नर्स ने ही घायल कांस्टेबल का इलाज किया और उसे 18 टांके लगाये।
घटना के लगभग डेढ़ घंटे बाद ठीक 7:30 बजे डॉक्टर जितेन्द्र कुमार अस्पताल पहुंचे और घायल कांस्टेबल को उन्होंने प्राथमिक उपचार करने के बाद CT स्कैन के लिए रैफर किया।
इलाजे के लिये जरूरी सामाम बाहर से
जानकारी के मुताबिक घायल कांस्टेबल के इलाज के के लिए टांका लगाने वाला स्ट्रीच निडल और ड्रिप की बॉटल NS भी अस्पताल में उपलब्ध नहीं था। काफी मशक्कत के बाद पुलिस वालों को खुद बाहर जाकर इनकी व्यवस्था करनी पड़ी।
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मामले में डॉक्टर का बयान
इस मामले में डॉक्टर जितेन्द्र ने कहा कि अस्पताल के परिसर के आवास में काफी दुर्दशा है। आवास के आसपास सांपों का बसेरा है। उन्हें खुद एक बार आवास पर सांप ने दंश लिया था, इसीलिए वो बाहर रूम लेकर रहते है। लेकिन कोई भी इमर्जेंसी केस आने पर वे तत्काल अस्पताल आ जाते हैं।
CHC अधीक्षक का बयान
CHC अधीक्षक अखिलेश यादव ने बताया कि जब केस आया तब तत्काल महिला कांस्टेबल की चिकित्सा चालू कर दी गई थी। अस्पताल में सिर्फ एक ही डॉक्टर तैनाती है, जो OPD भी देखते हैं। सभी मरीजों को उपलब्ध संसाधन में सही समय पर इलाज उपलब्ध कराया जाता है।