महाराजगंज: पूर्व मंत्री सुशील कुमार टिबड़ेवाल ने की पीड़ित परिवार से मुलाकात, शेषपुर की घटना को लेकर पुलिस कटघरे में, लोगों में भारी आक्रोश

डीएन ब्यूरो

यूपी के महाराजगंज में घायल लोग पुलिस से न्याय की गुहार लगाते रहे लेकिन पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट



सिसवा बाजार (महराजगंज): जनपद के कोठीभार थाना क्षेत्र के ग्राम सभा शेषपुर में जमीनी विवाद को लेकर दबंगों ने एक परिवार के तीन लोगों के साथ मारपीट कर उन्हें गंभीर घायल कर दिया। वारदात के बाद पुलिस की लापरवाही से समय पर इलाज ना मिलने के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं रविवार को मौके पर पहुंचे यूपी सरकार के पूर्व मंत्री सुशील कुमार टिबड़ेवाल ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए न्याय की मांग की है। उन्होंने कहा की सबसे आश्चर्य की बात यह है कि एक गंभीर रूप से घायल सच्चिदानंद का मोलाहिजा पुलिस ने अबतक नहीं कराया है।  

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार पीड़ित ने बताया कि 22 जून को जब मैं खेत जोतने गया तो वहां पर विपक्षी लोग बंधा बांध रहे थे। विरोध करने पर विपक्षी लोगों ने 112 नंबर पर सूचना थी। जिसके बाद हम लोग थाने चले  वहां पर कानूनगो, लेखपाल व पुलिकर्मियों ने कहा कि तुम लोग जाकर अपना खेत जोत लो।

पूर्व मंत्री सुशील कुमार टिबड़ेवाल पहुंचे पीड़ित परिजनों के बीच

जब अमितेज यादव, भाई सच्चिदानंद यादव व पिता शत्रुजीत यादव खेत जोत रहे थे तो अजीत साहनी, अजय साहनी, लालू, सत्यम, झगरू, संजय, महेंद्र व अन्यों ने हम लोगों पर हमला कर दिया। जब हम लोग खून से लथपथ होकर मदद के लिए कोठीभार थाने पर गए तो पुलिस ने हमें वहां दो घंटे तक बैठाये रखा व बाद में गाली देकर भगा दिया। 

वहीं आरोपी हम लोगों को मारने के लिए हथियार लेकर ढूंढ रहे थे। जिसके बाद हम लोग किसी तरह एंबुलेंस की मदद से सिसवा पहुंचे जहां से हम लोगों को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। 

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जिसके बाद 29 जून को अमितेश की इलाज के दौरान मौत हो गई। पीड़ित परिवार का कहना है कि अगर घायल को समय पर इलाज मिल गया होता तो उसकी मौत नहीं होती।    

पूर्व मंत्री टिबड़ेवाल ने कहा जब दोनों पक्ष पुलिस के पास गए थे तब पुलिस ने मामले को नजरअंदाज किया। घटना होने के बाद खून से लथपथ लोगों को पुलिस ने थाने से भगा दिया। व्यक्ति की मौत पुलिस की लापरवाही के कारण हुई है। 

उन्होंने आगे कहा कि पुलिस ने गंभीर घाराओं में केस दर्ज नहीं किया, इस बात से स्पष्ट हो रहा है कि पुलिस दूसरे पक्ष के लोगों से मिली हुई है। उन्होने मामले की उच्च स्तरीय जांच करने के साथ पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने की बात कही है। पूर्व मंत्री ने पीड़ित पक्ष को 25 लाख मुआवजा देने की बात भी रखी है।

घटना के बाद पूरे गांव में तनाव का माहौल है। ग्रामीणों में पुलिस व प्रशासन को लेकर गुस्सा भऱा हुआ है। लोगों ने जातिवाद के कारण कार्रवाई ना होने का भी आरोप लगाया है। शनिवार की शाम युवक का शव आते ही गांव में पीएसी बल के जवानों को तैनात कर दिया गया था।  

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जबकि दूसरे पक्ष के ग्राम सभा मटियरिया निवासी जिलाजीत का आरोप है कि शेषपुर पोखरे को दस साल के लिये पट्टे पर लिया गया है। शत्रुजीत यादव अपने पुत्र अमितेज यादव, भाई नगीना यादव और सोहन यादव के साथ पोखरे की जमीन को जुतवा रहे थे। मैं और मेरे साथी अजय साहनी द्वारा जब मना किया तो वे लोग फौजदारी पर आमादा होकर मारपीट करने लगे।

अखिलेश यादव को कराया अवगत 
पूर्व मंत्री सुशील टिबड़ेवाल ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को उक्त प्रकरण से अवगत कराया है।

इस दौरान जिलाध्यक्ष विद्यासागर यादव, सपा के जिला महासचिव शमशुद्दीन अली, जिला सचिव राकेश सिंह रिंकू, प्रवीण कुमार सिंह, ईश्वर यादव आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।










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