DN Exclusive: देखिये वर्दी वाले गुंडों की लूट, निचलौल के पीड़ित सर्राफा व्यवसायी दीपक वर्मा ने डाइनामाइट न्यूज़ को सुनायी लूट की खौफनाक दास्तान
वर्दीधारी यूपी पुलिस के दरोगा और दो सिपाहियों समेत 6 लुटेरों द्वारा सर्राफा व्यवसायी से हुई लूट ने पुलिस को भी हैरान कर दिया है। महरजगंज के निचलौल निवासी दीपक वर्मा ने डाइनामामाइट न्यूज को इस लूट की खौफनाक दास्तान सुनाई, देखिये कैसे लुटेरों ने अंजाम दिया इस वारदात को
महराजगंज: जनपद के दो सर्राफा कारोबारियों से वर्दी वाले गुंडों की लूट की कहानी ने यूपी पुलिस समेत आम जनता को हैरानी में डाल दिया है। सर्राफा कारोबारियों से गोरखपुर में 18 लाख की नकदी और सोने-चांदी की लूट के इस बड़े मामले ने पुलिस की वर्दी को भी दागदार कर दिया है और जनता को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर जब पुलिस ही लूट को अंजाम दे तो अपराध और अपराधियों से उसे कौन बचाये? वह किस पर भरोसा करे?
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महराजगंज के निचलौल निवासी और लूट के इस मामले में पीड़ित सर्राफा व्यवसायी दीपक वर्मा ने डाइनामाइट न्यूज़ से इस लूटकांड की खौफनाक दास्तान को साझा किया। दीपक वर्मा ने सिलसिलेवार तरीके से वर्दीधारी गुंडों के जो कारनामे बताये, वह बेहद परेशान करने वाला और सबको हैरत में डालने वाला है। दीपक वर्मा ने बताया कि इस दौरान आरोपियों से उनकी खूब बहस और हाथापायी भी हुई। सर्राफा कारोबारियों ने पूरी हिम्मत के साथ इस लूट को नाकामयाब करने की कोशिश भी की लेकिन वर्दी के अंदर लुटेरों के भेष में छुपी पुलिस को देखकर वे असमंजस में फंस गये।
सर्राफा कारोबारी दीपक वर्मा और रामू वर्मा ने पूरे साहस के साथ इस लूटकांड को झेला और इंसाफ न मिलने तक इसे लेकर अपनी लड़ाई जारी रखी। सर्राफा कारोबारियों ने इस केस में पुलिस को पूरा सहयोग भी दिया और हर मोड़ पर इसे अंजाम तक पहुंचाने के लिये जूझते भी रहे। सर्राफा कारोबारियों के साहस और जूझारूपान की ही नतीजा है कि गोरखपुर पुलिस इस अनोखी और बड़ी लूट का पर्दाफाश कर सकी।
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गोरखपुर पुलिस इस लूटकांड में 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर चुकी है। इस लूट कांड को अंजाम देने वालों में धर्मेन्द्र यादव यूपी पुलिस में बतौर दरोगा (सब-इंस्पैक्टर) तैनात है। जबकि महेन्द्र यादव और संतोष यादव भी यूपी पुलिस में बतौर सिपाही (आरक्षी) तैनात हैं। अन्य अभियुक्तों में देवेन्द्र यादव, शैलेश यादव और दुर्गेश अग्रहरी शामिल है।
इस मामले में चौकाने वाली बाच यह भी है कि शैलेश यादव और दुर्गेश अग्रहरी खुद पीड़ित कारोबारियों के जनपद महराजगंज के ही निवासी है। शैलेश यादव ने इस मामले में मुखबिरी की भूमिका निभाई। पैसा कमाने के शॉर्टकट ने आज आरोपियों को सलाखों के पीछ डाल दिया है।