महराजगंज: तंत्र-मंत्र को लेकर मासूम की निर्मम हत्या में तांत्रिक समेत 3 को आजीवन जेल, जानिये अंधविश्वास से जुड़े क्राइम की पूरी कहानी
महराजगंज जिले के श्यामदेउरवा थाना क्षेत्र के ग्राम सोहसा बांसपार में तंत्र-मंत्र से बदला लेने के लिए डेढ़ वर्षीय मासूम की हत्या के 11 साल पुराने मामले में दोषियों को कोर्ट ने कठोर सजा का ऐलान किया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
महराजगंज: श्यामदेउरवा थाना क्षेत्र के ग्राम सोहसा बांसपार में 11 साल पहले तंत्र-मंत्र को लेकर की गई मासूम की निर्मम हत्या के मामले में कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया है। अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय/विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट पवन कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने हत्या के इस मामले में तांत्रिक समेत तीन लोगों को दोषी करार दिया। दोषी पाये गये अभियुक्तों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अभियुक्तों पर अर्थदंड भी लगाया गया है।
हत्या के इस मामले में दोषी करार दिये गये तीन अभियुक्तों में मृतक मासूम के बड़े मम्मी-पापा भी शामिल है। तीसरा अभियुक्त तांत्रिक है। अदालत ने दोषियों को आजीवन कारावास की सजा व 1 लाख 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। इसमें से एक लाख रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में वादी को भुगतान का आदेश कोर्ट ने दिया है।
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डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के मुताबिक कोर्ट में पेश पत्रावली के अनुसार श्यामदेउरवा थाना क्षेत्र के ग्राम सभा सोहसा बांसपार में 3 जुलाई 2011 को डेढ़ वर्षीय उपेन्द्र उर्फ खुशहाल पुत्र सरवन की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मृतक मासूम के पिता सरवन ने अपने पिता हरीगुन, बड़े भाई सुग्रीव व बड़ी भाभी कौशिल्या के अलावा लखिमा बड़ा टोला निवासी तांत्रिक महेश पुत्र धुनधुन के खिलाफ श्यामदेउरवा थाने तहरीर दी थी।
पुलिस जांच के दौरान हत्या की वजह भी सामने आई। बताया जाता है कि सरवन के बड़े भाई सुग्रीव व भाभी कौशिल्या की बेटी की तबीयत अक्सर खराब रहती थी। लखिमा बड़ा टोला निवासी तांत्रिक महेश ने सुग्रीव व उसकी पत्नी कौशिल्या को यह विश्वास दिलाया कि सरवन की पत्नी ने उनकी बेटी के उपर तंत्र-मंत्र करा दिया है। इसी की वजह से उसकी तबीयत खराब रहती है।
अंध विश्वास में पड़कर सुग्रीव व कौशिल्या ने तांत्रिक महेश के साथ षड्यंत्र करके डेढ़ वर्षीय मासूम की हत्या कर दी थी। पुलिस ने विवेचना के बाद चार्जशीट न्यायालय में दाखिल किया। विचारण के दौरान एक आरोपित हरीगुन की मौत हो गई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सर्वेश्वर मणि त्रिपाठी ने नौ गवाहों की गवाही कराई। कोर्ट में तर्क दिया कि अभियुक्तों का यह अपराध गंभीर प्रकृति का है। उन्होंने अधिकतम दंड की मांग की।
पत्रावली में दर्ज साक्ष्य व सबूतों के आधार पर विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट पवन कुमार श्रीवास्तव ने सुग्रीव, कौशिल्या व तांत्रिक महेश को दोषी करार देते हुए उनको आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सुग्रीव व कौशिल्या के खिलाफ कुल 50-50 हजार रुपये व महेश के खिलाफ 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।