महराजगंज: भीषण ठंड में खुले आसमान के नीचे रात बिताने को बेबस हैं कई मजदूर, पढ़ें ये खास रिपोर्ट
अक्सर हर गरीब और मजदूर जनप्रतिनिधियों का बड़ा बोट बैंक माना जाता है। चुनावी मौसम में इनके लिए बड़े-बड़े वादे भी किये जाते है लेकिन चुनाव जीतने के बाद ये ही मजदूर नेताओं की उपेक्षा के शिकार हो जाते है। भीषण ठंड में जनपद के कई मजदूर इसी बेबसी का शिकार हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
महराजगंज: बडे-बडे लोगों के घरों से लेकर व्यावसायिक काम्प्लेक्स बनाने वाले मजदूरों की बेबसी की सुधि आज तक किसी जनप्रतिनिधि ने नहीं ली। सरकार और जनप्रतिनिधि आये दिन गरीबों और मजदूरों के लिये कई घोषणाएं करती है। लेकिन भीषण ठंड के प्रकोप में ये गरीब लोग खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर है।
इन मजदूरों के घरों के चूल्हे इनकी प्रतिदिन की कमाई पर ही जलते हैं। इनके परिवार का हर सदस्य शाम को इनके लौटने का इंतजार इस उम्मीद से करता कि उनके आने पर घर का चूल्हा जल सकेगा और पेट की आग बुझाने के लिए थोड़ा भोजन बन सकेगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक जनपद में ऐसे कई गरीब मजदूर है, जिनको सर्द रातों में सिर छुपाने के लिये एक टिनशेड का आश्रय नहीं मिलता। इन लोगों की जगह-जगह आश्रय लेते देखे जा सकता है। ऐसी परिवारों की पीडा आखिर जनप्रतिनिधियों ने क्यों दरकिनार कर दी है, यह समझ से परे है।
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वर्षों से आज भी मजदूरों की महराजगंज मेन चौक पर खुले आसमान तले खडे होकर भीषड ठंड और बरसात में रोटी-रोजी की तलाश जारी है।