महराजगंजः नागपंचमी कल, जानें कब है नाग देवता के पूजा का शुभ मुहुर्त
महराजगंज जनपद में कल नागपंचमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा। आइए जानते हैं किस शुभ मुहुर्त में भक्तों को पूजा करना लाभकारी रहेगा। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
महराजगंजः इस साल 9 अगस्त को नागपंचमी मनाई जाएगी। इस खास मौके पर पूजा के शुभ मुहूर्त में नागदेवा और भगवान शिव की पूजा के साथ कुछ विशेष उपाय जीवन के हर कष्ट दूर करेंगे। सावन के महीने में कई त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं।
हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है। इस विशेष दिन भगवान भोलेनाथ और नाग देवता की पूजा की जाती है। डाइनामाइट न्यूज संवाददाता ने दुर्गा मंदिर के पुजारियों से नागपंचमी के विशेष महत्व के बारे में विस्तार से जाना।
दुर्गा मंदिर के पुजारी कृष्ण मुरारी व अवधेश बताते हैं कि मान्यता है कि इस पावन मौके पर नाग देवता की विधिविधान से पूजा-अर्चना करने पर जीवन के समस्त दुखों से छुटकारा मिलता है। पंचांग के अनुसार, इस साल 9 अगस्त 2024 को नागपंचमी मनाई जाएगी।
इस शुभ दिन पर कई अद्भुत संयोग का निर्माण भी हो रहा है। जिससे शुभ मुहूर्त में पूजा-आराधना से जातक को कई गुना अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होगी। पंचांग के अनुसार, इस वर्ष सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की आरंभ 9 अगस्त 2024 को सुबह 8: 15 मिनट पर हो रहा है और अगले दिन यानि 10 अगस्त को सुबह 06: 09 बजे पर समापन होगा। इसलिए उदयातिथि के अनुसार, 9 अगस्त को नाग पंचमी मनाया जाएगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त
इस दिन पूजा का विशेष मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर 1 बजे समाप्त होगा। इस दिन प्रदोष काल में नाग देवता की पूजा का बड़ा महत्व है। 9 अगस्त को शाम 6:33 से रात 8:20 तक "नाग देवता" की पूजा के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त रहेगा।
नाग पंचमी पर बनेंगे कई संयोग
इस साल नाग पंचमी के मौके पर शिववास योग, सिद्ध योग, साध्य योग, बव और बालव, करण योग और हस्त नक्षत्र के शुभ संयोग में नाग पंचमी मनाई जाएगी।
कालसर्प दोष के उपाय
नागपंचमी के दिन घर के मेनगेट पर गोबर, गेरू या मिट्टी से सर्प की आकृति बनाएं। इसकी विधिवत पूजा करें। इससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और कालसर्प दोष से होने वाली परेशानियां दूर होंगी। नागपंचमी के राहु और केतु के मंत्रों का जाप करना लाभकारी माना गया है। इस दिन राहु मंत्र- 'ऊँ रां राहवे नमः' और केतु मंत्र- 'ऊँ कें केतवे नमः' मंत्र का जाप करें।
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नागपंचमी के दिन श्रीमद् भागवत पुराण और श्री हरिवंश का पाठ करवाएं। इससे जीवन के सभी दुख-कष्टों से छुटकारा मिलेगा। नागपंचमी के दिन भैरव बाबा की पूजा करना भी शुभ होता है। इस दिन भैरव बाबा को पूजा के दौरान कच्चा दूध चढ़ाएं।