महराजगंजः नवजात की प्राइवेट अस्पताल में मौत, एएनएम व चिकित्सक पर केस दर्ज

डीएन संवाददाता

महराजगंज जनपद के पुरंदरपुर थाना अंतर्गत अल्फा हास्पिटल को स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी ने एक्शन लिया है। डाक्टर व एनएनएम पर केस दर्ज किया गया है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

अस्पताल के पास जांच करती पुलिस
अस्पताल के पास जांच करती पुलिस


पुरंदरपुर (महराजगंज): थाना क्षेत्र के एक प्राइवेट हास्पिटल में नवजात की मौत पर स्वास्थ्य विभाग ने एक्शन लिया है। मृतक नवजात के परिजनों ने थाने पर इसकी लिखित तहरीर दी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने चिकित्सक व एनएनएम पर केस दर्ज किया है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार पुरंदरपुर निवासी चंद्रेश गुप्ता पुत्र रामनिवास ने पुलिस को दिए तहरीर के माध्यम से कहा कि शुक्रवार की सुबह न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उनकी पत्नी कविता ने एक नवजात शिशु को जन्म दिया। इसके बाद उसकी तबीयत कुछ खराब होने लगी जिस पर चिकित्सकों ने एक प्राइवेट हास्पिटल में भर्ती करा दिया।

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प्राइवेट हास्पिटल के संचालक ने मुझसे 10 हजार रूपए जमा करा लिए। तबीयत में सुधार न होने पर बच्चे को दूसरे हास्पिटल ले जाना चाह रहा था किंतु डाक्टर ने बच्चे को नहीं दिया। शाम को नवजात शिशु की मृत्यु हो गई। 

डाक्टर फरार
पुरंदरपुर पुलिस ने प्राइवेट हास्पिटल के संचालक जयंत यादव व न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की एनएनएम मंजू पर केस दर्ज किया है। मुकदमा संख्या 213/24 धारा 319 2, 318 4, 105 बीएनएस का केस पंजीकृत किया गया है। इसके बाद से ही डाक्टर फरार चल रहा है, पुलिस दबिश दे रही है। 

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पहुंचे नोडल अधिकारी
नोडल अधिकारी डाक्टर राजेश द्विवेदी ने बताया कि मौके पर अल्फा हास्पिटल को सील करने पहुंचे थे लेकिन अस्पताल पर पहले से ही मकान मालिक ने शटर पर ताला लगाकर एक नोटिस चस्पा किया था। मकान मालिक को नोटिस जारी कर पूछा जाएगा कि अवैद्य अस्पताल को मकान किराए पर क्यों दिया गया। क्या कोई एग्रीमेंट है। दोषी पाए जाने पर मकान मालिक पर भी कार्रवाई कराई जाएगी। 

अभी भी बेखाफ चल रहे तमाम अवैध अस्पताल
स्वास्थ्य विभाग परिजन के नवजात की मौत के बाद जागा लेकिन अभी भी ऐसे तमाम अवैध हास्पिटल क्षेत्र में बेखौफ संचालित हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग को समय रहते अभियान चलाकर ऐसे हास्पिटलों पर अंकुश लगाना चाहिए। अड्डा, मोहनपुर, समरधीर, पैसिया समेत तमाम छोटे-छोटे चौराहों पर कथित अस्पताल व पैथालाजी सेंटरों की भरमार है।    










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