महराजगंज: पनियरा कांड से एसपी ने उठाया पर्दा, दोनों पक्षों पर एनसीआर, कोई गिरफ्तारी नही
एसपी आरपी सिंह ने पनियरा के विशुनपुरा गांव में हुए साधु अजय योगी पर जानलेवा हमले के प्रकरण में हकीकत पर से पर्दा उठ दिया है। मामले में दोनों पक्षों की तहरीर पर NCR दर्ज किया गया है। विशुनपुरा गांव से डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..
महराजगंज: साधु अजय योगी पर जानलेवा हमले की खबर जब डाइनामाइट न्यूज़ पर वायरल हुई तो फौरन पुलिस महकमा हरकत में आया और घटना की तफ्तीश में जुट गया। कप्तान आरपी सिंह ने बताया कि विवाद की जड़ 4 लाख रुपये हैं।
गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ से दीक्षा प्राप्त जिस साधु अजय योगी पर जानलेवा हमला शुक्रवार को हुआ उसने दरअसल गांव की एक महिला से नौकरी दिलाने के नाम पर चार लाख रुपया लिया था और वायदा किया कि नौकरी न लगने की सूरत में वह अपनी जमीन लिख देगा। काफी अरसा गुजर जाने के बाद जब महिला अपने पैसे वापस मांगने लगी तो साधु आना-कानी करने लगा। इसी बीच मामले में सपा नेता और पूर्व प्रधान श्याम सुंदर वर्मा गांव की राजनीति में कूद पड़े और महिला के पक्ष में खड़े हो गये। वर्मा ने साधु से रुपये वापस करने को कहा। कई बार बातचीत हुई, एक सप्ताह पहले गोरखपुर दोनों पक्ष पहुंचे लेकिन नतीजा सिफर।
रुपयों का लेन-देन पहुंचा गंवई राजनीति तक
इसी बीच साधु ने कल एसपी से मिल अपने ऊपर हमले की आशंका जतायी थी। इस मुलाकात के करीब एक चंद घंटे बाद अजय अपने दर्जन भर समर्थकों के साथ गांव पहुंच गया। यहां पर उसकी जबरदस्त झड़प और गाली-गलौज श्याम सुंदर वर्मा पक्ष के लोगों व गांव वालों के साथ हुई। एसपी के बयान के मुताबिक यहां विवाद की शुरुआत अजय योगी की तरफ से हुई (देखे वीडियो) और उसने गाली-गलौज शुरु कर दी प्रतिक्रिया स्वरुप साधु की गाड़ी तोड़ डाली गयी।
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को ग्रामीणों ने बताया विवाद के दौरान साधु की जबरदस्त पिटाई हुई। साधु की पीठ पर चोटों के जानलेवा जख्म घटना की गवाही दे रहे हैं। हमले में किसी तरह साधु की जान बची।
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क्या कहना है श्याम सुंदर वर्मा पक्ष के लोगों का
अब से कुछ देर पहले मौका-ए-वारदात पर डाइनामाइट न्यूज़ की खोजी टीम पहुंची और पूर्व प्रधान श्याम सुंदर वर्मा के पक्ष के लोगों से बातचीत की तो इन लोगों का खुला आरोप है कि पहली गलती साधु की है और सीएम के नाम की आड़ में यह उत्पात मचाता है। कल इसी ने गांव में आकर गाली-गलौज व मारपीट की शुरुआत अपने समर्थकों के साथ की थी। जवाब में जब प्रतिक्रिया हुई तो साधु के समर्थक भाग निकले और इसकी जमकर कुटाई कर दी गयी।
जानलेवा हमले के शिकार साधु के पिता का बयान
भयंकर पिटाई के शिकार बने अजय योगी के पिता इजलास ने डाइनामाइट न्यूज़ को कैमरे पर बताया कि जब उनके बेटे घर पर आ रहे थे तभी श्य़ाम सुंदर के परिवार वालों ने घेर कर मारना शुरु कर दिया औऱ गाड़ी को तोड़ दिया।
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एसपी ने कहा- व्यक्तिगत विवाद, गोरखनाथ मंदिर से नही है कोई संबंध
एसपी के बयान के मुताबिक साधु का किसी तरह का संबंध गोरखनाथ मंदिर से नही है। यह एक व्यक्ति है जिसका व्यक्तिगत विवाद है।
दोनों पक्षों पर एनसीआर
कल देर रात तक पनियरा थाने में ड्रामा चला और अंत में जाकर मामले को रफा-दफा करने के नाम पर दोनों पक्षों की तहरीर पर एक-दूसरे के खिलाफ एनसीआर दर्ज कर लिया गया। डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक योगी अजय नाथ यादव की तहरीर पर एनसीआर नंबर 182/18 धारा धारा 323, 506, 427 के तहत चार लोगों श्याम सुंदर वर्मा, उनके पुत्र और उनके पिता और पड़ोसी जय प्रकाश वर्मा पर दर्ज किया गया। जबकि श्याम सुंदर वर्मा की तहरीर पर 183/18 धारा 323, 504, 506 के तहत हरिश्चन्द यादव पुत्र बुधिराम भिटौली बाजार, थाना- कोतवाली व कई अज्ञात के खिलाफ एनसीआर पंजीकृत किया गया।
कोई गिरफ्तारी क्यों नही
लोग एक-दूसरे से यह सवाल पूछ रहे हैं कि खुले आम गांव में कानून-व्यवस्था को हाथ में लिया गया। काफी देर तक बीच राह उत्पात मचाया जाता रहा। गाड़ियां तोड़ डाली गयी। जानलेवा हमला हुआ और पुलिस ने खानापूर्ति के नाम पर एनसीआर दर्ज कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली। किसी की भी गिरफ्तारी नही की गयी। आखिर क्यों? क्या पुलिस पर कोई दबाव है?
फिर बवाल हुआ तो कौन होगा जिम्मेदार?
यदि भविष्य में फिर कोई बवाल हुआ या फिर कोई अप्रिय घटना हुई तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? स्थानीय लोगों का मानना है कि जब एक पक्ष एसपी के पास पहुंच चुका था और उसके बाद भी गांव की कानून-व्यवस्था को हाथ में ले लिया जाता है तो आखिरकार पनियरा थाने की पुलिस और खुफिया तंत्र क्या कर रहा था? क्यों ये लोग मौके की नजाकत को भांपने में नाकाम रहे? क्या एसपी इनकी कोई जवाबदेही फिक्स करेंगे?
फिलहाल गांव में तनाव भरी शांति पसरी हुई है, हालात सामान्य हैं और मौके से पुलिस बल को हटा लिया गया है।