महराजगंज: दो पुजारियों के हत्याकांड में पुलिस का चेहरा हुआ दागदार, बेगुनाह युवक को जानवरों की तरह पीटा, कान से निकला खून, पुलिसिया जुल्म से भड़के सैकड़ों ग्रामीण
परसामलिक थाना क्षेत्र के महदेईया गांव में गत दिनों की मंदिर के पुजारी और साध्वी की हत्या के मामले में पुलिस पर बेगुनाहों को लॉकअप में टॉर्चर करने का गंभीर आरोप लगाया जा रहा है। केस खोलने की जल्दबाजी के चक्कर में बेगुनाहों पर जुल्म पुलिसिया आतंक की बर्बर कहानी को बयां कर रहा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
महराजगंज: परसामलिक थाना क्षेत्र के महदेईया गांव में कुछ दिन पूर्व की गई दो पुजारियों के हत्या के मामले में स्थानीय पुलिस पर ग्रामीणों द्वारा बेगुनाहों को प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप लगाया जा रहा है। कथित तौर पर पुलिस की बर्बर पिटाई के शिकार हुए युवक के परिजनों ने डाइनामाइट न्यूज को भी आपबीती सुनाई। पीड़ितों का कहना है कि पुलिस पुजारियों के हत्याकांड में बेगुनाह लोगों को लॉकअप में टॉर्चर कर रही है।
परसामलिक थाने में कथित तौर पर पुलिस की बर्बरतापूर्ण पिटाई के शिकार हुए मुकेश प्रजापति के परिजनों ने डाइनामाइट न्यूज को अपनी पीड़ा सुनाते हुए बताया कि पुलिस ने जानवरों कि तरह मुकेश की पिटाई की। जब वह अचेत हो गया तो पुलिस ने आनन-फानन में रात को उसके परिजनों को बुलाया और मुकेश को उनके हवाले कर दिया।
यह भी पढ़ें |
DN Exclusive: ईद पर दस साल की अल्पसंख्यक बालिका के गैंगरेप के बाद गांव में दहशत, ग्रामीण मुंह खोलने को तैयार नहीं
पुलिसिया प्रताड़ना के शिकार हुवे युवक मुकेश प्रजापति के भाई उमेश प्रजापति ने डाइनामाइट न्यूज को बताया कि कुछ दिनों पूर्व महदेईया गांव में हुए पुजारी हत्याकांड के मामले में पुलिस बेगुनाहों की उठाकर थाने ले जाकर बर्बर तरीके से पिटाई कर रही है। उन्होंने बताया कि उनके चाचा अनिरुद्ध प्रजापति को पूछताछ के लिए पुलिस थाने ले गई थी। 24 घंटे बैठाने के बाद फिर जब पुलिस ने नहीं छोड़ा तो वो और उनके भाई मुकेश प्रजापति थाने गए। उन्होंने पुलिस से अनिरुद्ध को बेगुनाह बताकर छोड़ने को कहा। इस पर पुलिस ने अनिरुद्ध को तो छोड़ दिया लेकिन मुकेश को थाने के पीछे ले जाकर पट्टे से बुरी तरह मारा पीटा और इसके बाद लॉकअप में बंद कर दिया।
आरोप है कि रात को 11 बजे के आसपास पुलिस ने उनको फोन कर मुकेश को थाने से ले जाने को कहा। रात में जब पुलिस ने मुकेश को परिजनों को सौंपा तो उसके कान से खून निकल रहा था और वह बदहवास व डरा हुआ था। जब मुकेश से परिजनों ने पूछा तो उसने बताया कि पुलिस ने बहुत ही बुरे तरीके से मारा पीटा है। फिर परिजनों ने मुकेश को रतनपुर सीएचसी में भर्ती किया। जहां से डॉक्टरों ने उसकी हालत गम्भीर देख उसे रेफर कर दिया है। मुकेश का इलाज इस समय महराजगंज में चल रहा है।
महदेइया गांव के ही रहने वाले गड़ेश मिश्रा ने भी बताया कि हत्या वाले दिन पुलिस बेवजह उन्हें रात में उठाकर थाने ले गई और तीन-तीन सिपाहियों ने उनके पैरों पर चढ़कर बुरी तरह से पट्टे से उसकी पिटाई की। मुकेश के पिता और भाई ने बताया कि वो और उनका परिवार बेगुनाह है। मंदिर के पुजारी के हत्याकांड वाले दिन वो सब नेपाल में लगने वाले मेले में गए थे। इस हत्याकांड से उनका कोई लेना देना नहीं है। फिर भी पुलिस गुनहगारों को पकड़ने के बजाय बेगुनाहों को प्रताड़ित कर रही है।