महराजगंज: धरने पर बैठे सभासदों ने जतायी आशंका- चेयरमैन करा सकती है हमला, लगाई सुरक्षा की गुहार
स्थानीय उपनगर में सभासदों द्वारा नगर पंचायत कार्यालय परिसर में क्रमिक अनशन का दूसरे दिन भी जारी रहा। इस दौरान सभासदों का आज एक नगर पंचायत कर्मचारी के साथ काफी नोकझोंक हुई, पुलिस सूचना मिलते ही मौके पर पहुँचकर शांत करायी।
महराजगंज: अनियमित्ताओं को लेकर आज दूसरे दिन सिसवा नगर पंचायत कार्यालय पर सभासदों द्वारा धरना दिया गया। नगर पंचायत में मनमाने ढंग से लगाए जा रहे गृहकर, बिना प्रस्ताव के ही ए सी लगाए जाने, पर्याप्त कर्मचारियों के बावजूद भी मनमाने ढंग से चहेतों को कर्मचारी के रूप में चयनित किये जाने एवं सिसवा नगर पंचायत के गरीबों को मिलने वाले प्रधानमंत्री आवास में हो रहे कमीशनबाजी को लेकर यह क्रमिक अनशन चलाया जा रहा है। इसके पहले सभासदों ने 16 जुलाई सोमवार की शाम नगर में विरोध प्रदर्शन करने के पश्चात फल मंडी में एक सभा का भी आयोजन किया था। सभासदो ने अपनी बात जनता के सामने रखी। 17 जुलाई की सुबह 10 बजे से क्रमिक अनशन पर बैठे हुए हैं।
यह भी पढ़ें |
महराजगंज: छात्र संघ चुनाव को लेकर छात्रों की बड़ी जीत, होंगे चुनाव, टूटा अनशन
कर्मी व सभासदों में नोक झोंक, हमले की आशंका
आज सुबह 11 बजे ए सी लगाने के लिए कर्मचारी पहुंच गए, जिस पर सभासदों ने कहा कि आखिर किसके प्रस्ताव के तहत ए सी को लगाया जा रहा है तभी एक कर्मचारी ने कहा कि अध्यक्ष का मौखिक आदेश है उन्ही के कहने पर ए सी को लगवाया जा रहा है। इसी बात को लेकर सभासदों एव कर्मचारियों द्वारा नोकझोंक शुरू हो गई, जिसकी सूचना मिलते ही सिसवा पुलिस चौकी प्रभारी दिलीप सिंह अपने हमराही के साथ मौके पर पहुंचकर स्थिति को शांत कराया, इस घटना के बाद सभासदों का कहना है कि कही उनके उपर सुनियोजित ढंग से हमला न करवाया जाए, ऐसे में सभासदों ने अनशन स्थल पर सुरक्षा की मांग भी किया है।
8 माह के कार्यकाल में 3 बैठकों में सिमटी नगर पंचायत
यह भी पढ़ें |
महराजगंज: अध्यक्ष के 8 और सभासद के 110 प्रत्याशियों ने भरे नामांकन
मासिक बैठक अनिवार्य रूप से होने वाली सिसवा नगर पंचायत अब तक के आठ माह के कार्यकाल में 3 बैठके ही करा पायी है। कारण है कि नगर पंचायत अध्यक्ष रागिनी जायसवाल का सिसवा न रहना। वे सपरिवार लखनऊ रहती है और वही से नगर पंचायत चला रही हैं।
अधर में लटका उपनगर का विकास
जिन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उप नगर वासियों ने रागिनी जायसवाल को अपना रहनुमा चुना वे लक्ष्य से भटक गयी। जिसका क्षोभ उपनगर वासियों में व्याप्त है।