महराजगंजः नौतनवा में मिली साक्षी निकली पुष्पा, मानव तस्करी का पर्दाफाश
महराजगंज जनपद के नौतनवा रेलवे स्टेशन पर एक महिला को मिली नेपाल की एक लड़की को नए नाम व नए पिता के नाम के सहारे बेचने की तैयारी की जा रही थी। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
महराजगंजः नौतनवा थाना क्षेत्र में एक गजब का मामला प्रकाश में आया है। यहां पर करीब नौ-दस माह पूर्व रेलवे स्टेशन पर एक लड़की लावारिश हालत में मिली। स्टेशन पर ही एक महिला इसको लेकर अपने घर चली गई। करीब नौ-दस माह तक यह बच्ची इसी महिला के पास बिना थाना पुलिस लिखा पढ़ी के इसके पास रही।
उक्त महिला ने इसका भारत का आधार कार्ड भी नाम बदलकर बनवा दिया। बच्ची के बयान के अनुसार इसी बीच बच्ची को बेचने की बात लड़की ने सुन लिया और इसके घर से फरार हो गई।
पास के एक घर में इस लड़की ने शरण लेकर अपनी आपबीती सुनाई तो इसकी सूचना 1098 पर दी गई। सूचना पाकर मौके पर खुद बाल संरक्षण अधिकारी पहुंचे और बच्ची को कब्जे में लेकर महराजगंज ले आए।
काफी खोजबीन करने के बाद इस बच्ची की जो जानकारियां निकलकर सामने आई तो वह काफी चौंकाने वाली थी। इस बच्ची का आधार कार्ड किसी और नाम से जबकि वास्तविक नाम कुछ और निकला। जांच पड़ताल के बाद बाल संरक्षण अधिकारी का अथक प्रयास रंग लाया। यह अनाथ बच्ची के माता-पिता की तलाश कारगर हुई। यह बच्ची नेपाल की निवासी निकली।
ऐसे बनी पुष्पा से साक्षी
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार बाल संरक्षण अधिकारी जकी अहमद ने बताया कि बच्ची को नौतनवा से महराजगंज लाने के बाद इसे नए कपड़े दिलाए गए। परिवार के सदस्यों के बारे में पूछने पर इसने अपना असली नाम पुष्पा बताया। आधार कार्ड पर साक्षी के नाम के बारे में पूछने पर रोती हुई इसने सारा वृतांत कह सुनाया।
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बच्ची पुष्पा ने बताया कि करीब दस माह पूर्व मैं माता-पिता से भटककर नौतनवा स्टेशन पर अकेली खड़ी थी। इसी बीच एक महिला ने हमें रोता हुआ देखा तो वह अपने घर लेकर चली गई।
खाना वगैरह भी मिलने लगा और उस महिला ने जल्द मुझे घर भिजवाने का भी आश्वासन दिया था तो मैं वहीं रूक गई। महीनों गुजरने के बाद भी मेरे माता-पिता के पास मुझे नहीं भेजा गया और आधार कार्ड भारत का बनवा दिया जिसमें मुझे साक्षी यादव नाम दिया गया जबकि पिता का नाम दीपेंद्र यादव दर्शाया गया।
उसने बताया कि एक दिन मैं नहाकर बाथरूम से निकल रही थी तो इसी बीच उस महिला को एक पुरूष से मुझे बेचने की बात करते हुए मैंने सुना। यह सुनकर मैं अनसुना कर घर से भागने की फिराक में जुट गई।
एक दिन मौका पाकर पास के ही एक घर में गई और वहां मौजूद आंटी से सारी कहानी बताई। उन्होंने इसकी सूचना अधिकारी को दी। तबसे मैं महराजगंज हूं।
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बोले बाल संरक्षण अधिकारी
इस संबंध में बाल संरक्षण अधिकारी जकी अहमद ने बताया कि पुष्पा के माता-पिता का पता लगा लिया गया है। पुष्पा उर्फ साक्षी पुत्री गोरखनाथ नाऊ नेपाल के जिला रूपनदेही असुरैना नगर पालिका के वार्ड नंबर चार की निवासी है। इसकी मां माया नाऊ है।
बच्ची का फर्जी आधार कार्ड बनवाने वालों व बेचने की नियत रखने वालों के खिलाफ जांच की जा रही है। इन दोषियों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि नेपाल की सुख सुअवसर सेवा समिति के सहयोग से उसके घर का पता लगाया गया।
CWC के आदेश का अनुपालन करते हुए नेपाल बॉर्डर पर टीम के साथ पुष्पा को उसके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया गया। इस अवसर पर नेपाल पुलिस व शुभ अवसर ग्राम नेपाल संस्था व पीजीएसएस संस्था, बाल संरक्षण अधिकारी जकी अहमद व डिसीपियु टीम महराजगंज मौजूद रही।
ऐसे हुई पहचान
पुष्पा उर्फ साक्षी की पहचान के लिए बाल संरक्षण अधिकारी ने नेपाल की सुख सुअवसर सेवा समिति के सदस्यों से संपर्क साधा। बच्ची की फोटो समिति को भेजी।
समिति ने तलाश होने के बाद बच्ची के माता-पिता की फोटो बाल संरक्षण अधिकारी को भेजी। पुष्पा ने फोटो देखते ही अपने माता-पिता व भाई को पहचान लिया और बिलख-बिलख कर रोने लगी।