महराजगंज एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद का मामला उठेगा नितिन गडकरी के सामने
अपने काले-कारनामों को लेकर चर्चा में बने रहने वाले महराजगंज के बदनाम एसडीएम सदर ज्ञानेश्वर प्रसाद के द्वारा गैरकानूनी तरीके से जनता पर फर्जी रुआब झाड़ने के मकसद से सरकारी गाड़ी पर लगायी गयी नीली बत्ती, दो-दो हूटर और प्रेशर हार्न का मामला अब सीधे केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के सामने उठेगा।
महराजगंज: भारत सरकार के सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ही वह शख्सियत हैं जिनकी वजह से 1 मई 2017 से देश वासियों को वीआईपी संस्कृति से निजात मिली और जगह-जगह लाल औऱ नीली बत्ती दिखने का फर्जी रुआब बंद हुआ।
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25 जनवरी को गड़करी महराजगंज में
दो दिन बाद 25 जनवरी को जिले में पहली बार बतौर मंत्री नितिन गडकरी का आगमन होने जा रहा है। जिले के दर्जनों जागरुक नौजवानों ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि वे गडकरी से एसडीएम ज्ञानेश्वर के गैरकानूनी कृत्य के खिलाफ उनकी विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग करेंगे।
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कानूनी कार्यवाही शुरु
ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट और युवा अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि वे विधिक कार्यवाही के लिए न्यायालय में वाद दाखिल कर रहे हैं कि जब जिले के डीएम और एडीएम नीली बत्ती का उपयोग नही करते तो फिर एसडीएम को किसका लिखित आदेश मिल गया कि वे पब्लिक के बीच फर्जी भौकाल बनाने में जुटे हैं और नीली बत्ती, दो-दो हूटर और प्रेशर हार्न लगाकर चल रहे हैं।
किसके संरक्षण में फल-फूल रहा है भ्रष्टाचार
इन सबसे बड़ा रहस्यमय सवाल यह है कि जिले के जिम्मेदार बड़े अधिकारी आखिर क्यों एसडीएम की काली-करतूतों को अपना मौन समर्थन दिये हुए हैं। क्या कहीं इसके पीछे भ्रष्टाचार की बड़ी गहरी साजिश है?
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लुट के खेल की कहानी पहुंची प्रधानमंत्री कार्यालय और राष्ट्रीय अध्यक्ष तक
सत्तारुढ़ दल के दो प्रमुख नेताओं ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि जिले में भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड टूट चुके हैं..बड़े अफसरों के संरक्षण में जिले को लूटने का खेल पूरे शबाब पर है। 31 मार्च तक जिले के बजट को अधिक से अधिक लूटने की होड़ मची हुई है। यही कारण है कि बड़े अफसरों ने इस मनबढ़ और लुटेरे एसडीएम को खुली छूट दे रखी है। ताल, पोखरों, सरकारी जमीनों पर भू-माफियाओं ने जबरदस्त लूट मचा रखी है। इन दोनों बड़े नेताओं ने बताया कि वे चुप नही बैठे हैं उन्होंने जिले के सभी लुटेरे अफसरों के काले-कारनामों की करतूतों को लिखकर प्रधानमंत्री कार्यालय और राष्ट्रीय अध्यक्ष तक लगातार पहुंचा रहे हैं। इनकी एक-एक करनी का हिसाब-किताब होगा।