Uttar Pradeh: जानिये यूपी के महराजगंज में क्यों अंधकार में पड़ा है नौनिहालों का जीवन, अभिभावकों में भारी आक्रोश

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बेहतर शिक्षा और स्कूली पठन-पाठन को अपने टॉप ऐजेंडे में मानती है, लेकिन धरातल पर यह कई बार केवल खोखले दावे नजर आते हैं। ऐसा ही उदाहरण सीएम योगी के गृह जनपद गोरखपुर से सटे महराजगंज जिले में देखने को मिलता है, जहां छात्रों का जीवन अंधकार में घिरता जा रहा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट



महराजंगज: कहने को तो यूपी की योगी सरकार शिक्षा और नौनिहालों के भविष्य को अपने टॉप ऐजेंडे में गिनाती है लेकिन महराजगंज के एक माध्यमिक विद्यालय का जो परिदृश्य हैं, वह सरकार के इन दावों को झुठला रहे हैं। शिक्षकों की कमी के चलते यहां के छात्रों का जीवन अंधकार से घिरता जा रहा है, जिस कारण अभिभावकों में रोष है। सरकार बच्चों के भविष्य के लिए सरकारी विद्यालयों पर करोड़ों रूपये खर्च तो कर रही है लेकिन आलम यह है कि स्कूलों में अध्यापकों की कमी के कारण नौनिहालों को शिक्षा नहीं मिल पा रही है। 

महराजगंज जिले के लक्ष्मीपुर ब्लॉक के पिपरा सोहट ग्राम के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में सरकारी शिक्षकों की कमी के चलते प्राइवेट शिक्षकों के भरोसे शिक्षण कार्य चल रहा है। शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों का भविष्य अंधकारमय बना हुआ है। बच्चों का भविष्य प्राइवेट शिक्षकों के हाथ में होने से गांव के लोगोम में भारी आक्रोश है।

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बता दें कि ग्राम पिपरा सोहट के प्राथमिक विद्यालय और पूर्व माध्यमिक विद्यालय एक ही कंपाउंड में है। यहां प्राइमरी विद्यालय में 122 की संख्या में बच्चे है, जिस पर केवल 2 सरकारी अध्यापक नियुक्त है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय में 82 की संख्या में बच्चे है,जिसमें कोई भी सरकारी अध्यापक नियुक्त नहीं है। बच्चों की पढ़ाई प्राइवेट शिक्षकों के भरोसे हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि इस मामले की जानकारी ग्राम प्रधान के माध्यम से कई बार अधिकारियों को दी गई लेकिन उनके कानों में जू तक रेंगे। 

डाइनामाइट न्यूज की टीम ने जब प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक इसरार अहमद से इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि इसी महीने से उन्हें पूर्व माध्यमिक विद्यालय के शिक्षण कार्य का अतिरिक्त चार्ज मिला हुआ है। जब प्राइवेट शिक्षकों के भरोसे शिक्षा कार्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।

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डाइनामाइट न्यूज की टीम ने जब इस मामले को लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात की तो उन्होंने बताया कि प्राइवेट शिक्षकों के भरोसे शिक्षा कार्य चलना गलत है। मामले की जांच करवाता हूं।










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