महराजगंज: सूअरों की धमा चौकड़ी स्वच्छता अभियान को लगा रही पलीता
केन्द्र व राज्य सरकार भले ही स्वच्छ भारत मिशन को साकार करने में जुटी हो गाँवों में सूअरों की धमा चौकड़ी इस अभियान को पलीता लगाने में जुटी हुई है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..
महराजगंज: सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन को पूर्णतया अमली जामा पहनाने के लिए बड़े पैमाने पर खजाना खाली किया जा रहा है। फिर भी थोड़ी सी चूक इस योजना के पंख निचोड़ने का कार्य कर रही है। निचलौल क्षेत्र के परागपुर गाँव में सूअरों का आतंक इसका जीता जागता उदहारण है। ग्राम प्रधान की चुप्पी पिण्ड छुड़ाना प्रदर्शित करता है।
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गाँव में रहेंगे सूअर बाड़े तो कैसी सफाई?
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मस्तिष्क ज्वर फैलाने वाले सूअर जब खुले आम घूमेंगे तो फिर सफाई का क्या मतलब? जब सूअर बाड़े गाँव में रहेंगे तो अभियान का क्या मतलब? जब बाड़े के लिए गाँवों से दूर जगह नहीं मिलेगा तो फिर कहा जायेंगे वे? कैसे चलेगी उनकी जीविका? ये सारे प्रश्न सच है.. फिर भी बाड़े को गाँव से दूर कर अभियान को पंख लगाने की जरुरत है।
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नही सुनते ग्राम प्रधान
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सूअर बाड़े के मालिकों का कहना है कि जब ग्राम प्रधान उनके लिए गाँव से दूर कहीं कोई जमीन नहीं दे पा रहे हैं तो आखिर वे क्या करें? अगर इस धंधे को बंद करें तो फिर उनकी जीविका कैसे चलेगी?
क्या कहते हैं लोग
ग्रामीणों ने बताया कि गाँव में सूअर बाड़े होने से वे झुण्ड के साथ आते हैं और जल जमाव वाले क्षेत्र में लोट पोट करते हैं। फिर दुर्गन्ध फैलाते स्वच्छता अभियान को मुँह चिढ़ाते हुए गाँव का परिक्रमा करते हैं।