Manipur Video: मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले को पूर्वोत्तर लैंगिक अधिकार कार्यकर्ताओं ने की कार्रवाई की मांग
मणिपुर समेत समूचे पूर्वोत्तर की लैंगिक अधिकार कार्यकर्ताओं ने दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उन्हें सड़कों पर घुमाने और उनका यौन शोषण करने के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है और यह भी कहा कि राजनीतिक दलों को इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
गुवाहाटी: मणिपुर समेत समूचे पूर्वोत्तर की लैंगिक अधिकार कार्यकर्ताओं ने दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उन्हें सड़कों पर घुमाने और उनका यौन शोषण करने के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है और यह भी कहा कि राजनीतिक दलों को इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।
मणिपुर लैंगिक अधिकार कार्यकर्ता और ‘वुमेन एक्शन फोर डेवलपमेंट’ की सचिव सोबिता मंगसतबाम ने डाइनामाइट न्यूज़ से कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के जरिए जो घटना सामने आयी है, वह ‘स्तब्ध करने वाली, दुर्भाग्यपूर्ण और मानवाधिकार का गंभीर उल्लंघन’ है।
जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में चार मई का यह वीडियो 19 जुलाई को सामने आया। इस घटना की देशभर में निंदा की गयी है।
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मंगसतबाम ने कहा, ‘ संघर्ष की स्थिति में महिलाएं और बच्चे ही ऐसे होते हैं जिन्हें हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और यही मणिपुर में भी हो रहा है। राज्य का महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध हिंसा का लंबा इतिहास है। यह बहुत दुखद स्थिति है कि उन्हें दुर्दशा झेलनी पड़ती है लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिलता है।’’
उन्होंने कहा कि राज्य करीब तीन महीने से संकट से जूझ रहा है लेकिन महिलाओं के मानवाधिकार का उल्लंघन करने वाले इस स्तब्धकारी वीडियो के सामने आने के बाद ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि इस घटना के अलावा प्रधानमंत्री ने राज्य के लोगों के दुख-दर्द के बारे में कुछ नहीं कहा जिन्होंने अपने परिवारों, घरों को खोया है और वे हिंसा भड़कने के बाद से राहत शिविरों में रह रहे हैं।
उन्होंने कहा कि महिलाओं के विरूद्ध अपराध करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जिन महिलाओं के मानवाधिकार का उल्लंघन किया गया है, उन्हें ऐसे वीडियो व्यापक रूप से प्रसारित कर फिर अपमानित नहीं किया जाए।
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मंगसतबाम ने प्रशासन से इस घटना का राजनीतिकरण नहीं करने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि उन मूल मुद्दों से भी ध्यान नहीं भटकाया जाए जिनका समाधान इस पूर्वोत्तर राज्य में शांति वापस लाने के लिए जरूरी है।
मिजोरम महिला आयोग, अरुणाचल प्रदेश वुमेन वेलफेयर सोसायटी और नगा मदर्स एसोसिएशन ने भी राष्ट्रीय महिला आयोग एवं मणिपुर सरकार को पत्र लिखकर पीड़िताओं को इंसाफ देने तथा सभी महिलाओं और संवेदनशील समुदायों को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने की मांग की है।