बाल विवाह के खिलाफ सरकार ने छेड़ा बड़ा अभियान, तीन हजार लोग पकड़े गये, मची हलचल
असम सरकार की बाल विवाह के खिलाफ पखवाड़े भर तक चली कार्रवाई का राज्य में “सकारात्मक” प्रभाव पड़ने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि कई परिवारों ने कम उम्र के बच्चों की निर्धारित शादियों को इस अभियान के परिणामस्वरूप रद्द कर दिया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
गुवाहाटी: असम सरकार की बाल विवाह के खिलाफ पखवाड़े भर तक चली कार्रवाई का राज्य में “सकारात्मक” प्रभाव पड़ने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि कई परिवारों ने कम उम्र के बच्चों की निर्धारित शादियों को इस अभियान के परिणामस्वरूप रद्द कर दिया।
तीन फरवरी को शुरू हुई कार्रवाई में मंगलवार तक 4,225 मामले दर्ज कर 3,031 लोगों को पकड़ा गया था।
शर्मा ने ट्विटर पर कहा, “असम के विभिन्न हिस्सों से रिपोर्टें आ रही हैं कि कई परिवारों ने इस तरह की अवैध प्रथाओं के खिलाफ हमारे अभियान के बाद कम उम्र के बच्चों के बीच पूर्व-निर्धारित विवाहों को रद्द कर दिया है।”
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उन्होंने कहा, “यह निश्चित रूप से बाल विवाह के खिलाफ हमारी दो सप्ताह तक चली कार्रवाई का सकारात्मक प्रभाव है।”
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार विपक्षी दलों ने अभियान चलाने के तौर तरीकों को लेकर इसकी आलोचना की और नाबालिग पतियों और परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी को राजनीतिक लाभ के लिए “कानून का दुरुपयोग” करार दिया। उन्होंने इसकी तुलना “लोगों को आतंकित करने के लिए” की जाने वाली पुलिस कार्रवाई से की।
गौहाटी उच्च न्यायालय ने भी बाल विवाह के आरोपियों पर यौन अपराध से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम, 2021 और दुष्कर्म की धाराएं लगाए जाने को लेकर प्रदेश सरकार की आलोचना की थी। अदालत ने कहा था कि ये “बिल्कुल अजीब” आरोप हैं।
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न्यायमूर्ति सुमन श्याम ने कहा कि इससे ‘‘लोगों के निजी जीवन में तबाही’’ मची है और ऐसे मामलों में आरोपियों से हिरासत में पूछताछ की कोई जरूरत नहीं है।