मेरठ: बच्चों के यौन शोषण से जुड़े अपराधों पर रचित पुस्तक का विमोचन

डीएन संवाददाता

एडीजी प्रशांत कुमार ने आज बच्चों के यौन शोषण से जुड़े अपराधों पर रचित पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर पूर्व आईपीएस और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के प्रोफेसर डॉक्टर पीएम नायर समेत कई अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। डाइनामाइट न्यूज की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..

बाल यौन शोषण संबंधी पुस्तक का विमोचन
बाल यौन शोषण संबंधी पुस्तक का विमोचन


मेरठ: अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) प्रशांत कुमार ने पूर्व आईपीएस अधिकारी और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के प्रोफेसर डॉक्टर पीएम नायर के साथ आज पुलिस हेतु मानक संचालन पद्धति (एसओपी) को लॉन्च किया। यह बच्चों के यौन शोषण से जुड़े अपराधों और उससे संबंधित कानून की जानकारी देता है। यह एसओपी लोकसभा सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने शुरु की थी। मानक संचालन पद्धति संबंधित किताब में मेरठ फोकस्ड टास्क यूनिट के तहत अरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने संबंधी संपूर्ण जानकारी दी गई है। इसका मकसद बच्चों के व्यावसायिक यौन शोषण को रोकना है और इसके लिए पुलिस को सही दिशा-निर्देश प्रदान करना है।

यह मानक संचालन पद्धतियां कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए तैयार किया गया अपनी तरह का पहला प्रकाशन है। जो पुलिस को उन अपराधियों के खिलाफ आईपीसी के अलावा पास्को के तहत बाल यौन तस्करी के मामले को दर्ज करने का अधिकार देता है, जो व्यावसायिक यौन शोषण के लिए बच्चों और नाबालिगों की मांग करते हैं।

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 मेरठ जोन के अतिरिक्त महानिदेशक ने कहा कि मानव परिचालन पद्धतियों के विकास के पीछे मुख्य उद्देश्य पीड़ित बच्चों को संभालने के लिए पुलिस का मार्गदर्शन करना है। इसका उद्देश्य प्रमुख प्रशासनिक और गैर सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग के लिए एक रुपरेखा को बढ़ावा देना है, जो बच्चों की सुरक्षा के लिए पुलिस की मदद कर सकते हैं।
एसओपी तैयार करने में तकनीकी रूप से मदद करने वाले विशेषज्ञ डॉ. नायर ने कहा, यह बच्चों के साथ होने वाले यौन शोषण के दोषी लोगों को दंडित करने के लिए एक अनोखी पहल है। यकीनन यह पहल इस खतरे से निपटने की जबरदस्त क्षमता रखती है जो कि अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने के लिए बहुत लंबा सफर तय करने में सक्षम है।

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क्या है फॉक्स टास्क यूनिट
मेरठ जोन पुलिस के एडीजी प्रशांत कुमार ने डाइनामाइट न्यूज संवाददाता को बताया कि फॉक्स टास्क यूनिट एक्टिव की स्थापना अप्रैल 2018 में माननीय सांसद राजेंद्र अग्रवाल के नेतृत्व में की गई थी। इसका उद्देश्य वर्ष 2019 तक मेरठ को यौन अपराधियों के लिए जीरो टॉलरेंस वाला जिला बनाना है। इसका मकसद वास्तविक यौन शोषण के अपराधियों को दंडित कर व्यावसायिक यौन शोषण के लिए मांग को स्थाई रूप से खत्म करके बच्चों को इस शोषण से मुक्त करना है। एफटीयू  में सरकारी प्रशासन, पुलिसकर्मी, नागरिक समाज संगठनों और मीडिया के सदस्य शामिल हैं, जो यौन तस्करी में बच्चों को धकेले जाने खिलाफ मिलकर काम करते हैं।


 










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