दिल्ली में मोबाइल चोरों को भीड़ ने दी तालिबानी सजा, पढ़िए पूरी खबर
दिल्ली के नरेला इलाके में शनिवार अपराह्न कथित तौर पर मोबाइल फोन चोरी को लेकर भीड़ ने तीन लोगों की निर्वस्त्र कर पिटाई की। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: दिल्ली के नरेला इलाके में शनिवार अपराह्न कथित तौर पर मोबाइल फोन चोरी को लेकर भीड़ ने तीन लोगों की निर्वस्त्र कर पिटाई की। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस के मुताबिक, घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।
वीडियो में भीड़ को तीन लोगों को कथित तौर पर जबरन निर्वस्त्र करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में लोग उन्हें थप्पड़ मारते हुए देखे जा सकते हैं। तीनों की उम्र लगभग 20 साल के आसपास मालूम पड़ती है। वीडियो में कुछ लोगों को घटनास्थल पर तीनों युवकों के कपड़े जलाते हुए भी देखा जा सकता है।
पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि भीड़ ने उन तीन युवकों को पुलिस के हवाले नहीं किया।
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अधिकारी ने बताया, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि पिटाई के बाद तीनों युवक मौके से भाग गए।’’
उन्होंने बताया कि पुलिस को शनिवार दोपहर घटनास्थल से किसी व्यक्ति ने मामले की सूचना दी थी लेकिन जब पुलिसकर्मियों की एक टीम वहां पहुंची तो मौके पर कोई नहीं मिला।
एक अधिकारी ने बताया कि फोन पर घटना की सूचना देने वाले व्यक्ति की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया, जिसे बाद में ढूंढ लिया गया। उन्होंने बताया कि सूचना देने वाले व्यक्ति ने दोपहर 11 बजकर 56 मिनट पर फोन किया था लेकिन पुलिस के मौके पर पहुंचने से पहले ही वह वहां से चला गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पुलिस उपायुक्त (बाहरी-उत्तर) रवि कुमार सिंह ने बताया कि शुरुआत में कोई शिकायत नहीं मिली थी। अधिकारी ने बताया कि जब सूचना देने वाले का पता लगा लिया गया तो उसने पुलिस को बताया कि वह अपनी बहन को छोड़ने के लिए नरेला रेलवे स्टेशन गया था और लौटते समय उसने भीड़ को मोबाइल फोन चोरी करने के आरोपी तीन युवकों की पिटाई करते हुए देखा।
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उन्होंने यह भी बताया कि इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि क्या तीनों को मोबाइल फोन चोरी करते हुए पकड़ा गया था।
पुलिस ने बताया कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 341 (गलत तरीके से रोकने की सजा) और धारा 355 (गंभीर उकसावे के अलावा किसी व्यक्ति का अपमान करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया और पीड़ितों का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं।