Money Laundering: बंबई हाई कोर्ट से रांकापा नेता नवाब मलिक को बड़ा झटका, नहीं मिली जमानत, जानिये क्या कहा अदालत ने

डीएन ब्यूरो

बंबई उच्च न्यायालय ने धनशोधन के एक मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता नवाब मलिक को चिकित्सकीय आधार पर जमानत देने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

बंबई उच्च न्यायालय
बंबई उच्च न्यायालय


मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने धनशोधन के एक मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता नवाब मलिक को चिकित्सकीय आधार पर जमानत देने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार धनशोधन के इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है। ईडी ने मलिक को भगोड़े गैंगस्टर दाउद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के बीच कथित गठजोड़ के एक मामले में फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था।

राकांपा नेता न्यायिक हिरासत में हैं और यहां एक निजी अस्पताल में उनका उपचार चल रहा है। उन्होंने चिकित्सकीय आधार पर जमानत दिए जाने का अनुरोध करते हुए कहा था कि वह गुर्दे के रोग से पीड़ित हैं साथ ही उन्हें कई अन्य बीमारियां भी हैं।

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न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई की एकल पीठ ने चिकित्सकीय आधार पर जमानत का अनुरोध करने वाली मलिक की याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि वह उनकी जमानत संबंधी अपील पर गुणवत्ता के आधार पर दो सप्ताह के बाद सुनवाई करेगी।

मलिक के अधिवक्ता अमित देसाई ने कहा पिछले आठ माह से मलिक की हालत बिगड़ती जा रही है और वह गुर्दे की बीमारी के स्टेज 2 से स्टेज 3 के बीच हैं।

उन्होंने अदालत से जमानत का अनुरोध करते हुए कहा कि मलिक की सेहत को ध्यान में रखा जाए और अगर उन्हें इन्ही परिस्थितियों में ही रहने दिया गया तो यह जानलेवा साबित हो सकता है।

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ईडी की ओर से पेश सॉलीसिटर जनरल अनिल सिंह ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मलिक अपनी पसंद के अस्पताल में हैं और चिकित्सकीय उपचार ले रहे हैं।

मलिक के खिलाफ ईडी का मामला 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम धमाकों के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की ओर से गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है।










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