चिकित्सकों के खिलाफ शिकायतों का सबसे आम कारण मरीजों, परिजनों के साथ संवादहीनता है: एनएमसी

डीएन ब्यूरो

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने कहा है कि चिकित्सकों के खिलाफ शिकायतों का सबसे आम कारण मरीजों और उनके रिश्तेदारों के साथ संवादहीनता है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली:  राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने कहा है कि चिकित्सकों के खिलाफ शिकायतों का सबसे आम कारण मरीजों और उनके रिश्तेदारों के साथ संवादहीनता है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक एनएमसी के एथिक्स एंड मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड (ईएमआरबी) ने 'प्रोफेशनल कंडक्ट रिव्यू केस अभिलेखागार से सबक' विषय पर एक ई-पुस्तक में कहा कि ज्यादातर मामलों में, डॉक्टर अपने अच्छे इरादों के बावजूद मरीजों तथा उनके रिश्तेदारों को निदान, उपचार योजना आदि के बारे में समझाने में विफल रहते हैं।

बुकलेट के संपादक और एनएमसी के एथिक्स एंड मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड के सदस्य डॉ. योगेन्द्र मलिक ने कहा, 'इस महत्वपूर्ण ई-पुस्तक में उनके संबंधित डोमेन में अनुभवी पेशेवरों द्वारा तय किए गए व्यापक केस अध्ययन शामिल हैं।'

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डॉ. मलिक ने कहा कि चिकित्सकों के खिलाफ शिकायत के मामलों से सीख की जरूरत शुरू से ही महसूस की गई थी तथा यह विचार बोर्ड के साथ साझा किया गया और इस उद्देश्य के लिए विशेषज्ञों का एक समूह बनाया गया।

पुस्तक में केस अध्ययन से पता चलता है कि एक मरीज के लिए नैतिकता, आचरण और लापरवाही के बीच अंतर करना बहुत मुश्किल है।

इसमें कहा गया है कि मरीज़ तब निराश हो जाते हैं जब उन्हें किसी डॉक्टर का व्यवहार उनकी अपेक्षा के अनुरूप नहीं प्रतीत होता।

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एनएमसी ने कहा कि चिकित्सकों के खिलाफ मुकदमेबाजी के ज्ञात कारणों जैसे संचार सहमति और मेडिकल रिकॉर्ड आदि से संबंधित समस्याओं के अलावा, एक नई समस्या जिम्मेदारी तय करने की है, खासकर, जब इलाज चिकित्सकों की एक टीम द्वारा किया जाता है।

 










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