RIP Mulayam Singh Yadav: 6 दशक तक देश की राजनीति में इस तरह छाये रहे मुलायम सिंह यादव, आपातकाल में हुई 19 माह की जेल
सियासी किंग मेकर से किंग तक की महत्वूर्ण भूमिकाओं रहे मुलायम सिंह यादव अब हमारे बीच नहीं रहे। 83 वर्ष की आयु में उन्होंने स्थित गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांसें ली। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में पढ़िये मुलायम सिंह यादव की सियासी शख्सियत के बारे में
नई दिल्ली: केंद्रीय रक्षा मंत्री समेत उत्तर प्रदेश के तीन बार के मुख्यमंत्री रहे समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का 83 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। समाजवादी पार्टी को जन्म देने वाले दिग्गज नेता मुलायम सिंह यादव लगातार 6 दशक तक देश की राजनीति के केंद्र में रहे। राम मनोहर लोहिया से प्रेरित होकर राजनीति में आये मुलायम सिंह ने इसका बाद कभी पलटकर पीछे नहीं देखा और लगातार सियासी सीढ़ियां चढ़ते हुए राजनीति के शिखर पर पहुंचे।
राम मनोहर लोहिया जैसे दिग्गज राजनेता के साथ जुड़ने के बाद मुलायम सिंह पहली बार 1967 में उत्तर प्रदेश विधान सभा के लिए चुने गये और इसके बाद उनकी जीत का सफर जारी रहा। वे 8 बार यूपी विधानसभा पहुंचे। वे 1977 में पहली बार उत्तर प्रदेश में मंत्री बने। उन्होंने 6 दशक तक भारतीय राजनीति में कई योगदान दिये। राजनीतिक जीवन में वे किंग मेकर से लेकर किंग तक की भूमिका में रहे।
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एक बेहद साधारण परिवार में 22 नवंबर 1939 को इटावा जनपद के सैफई में जन्मे मुलायम सिंह यादव की गिनती एक पढ़े-लिखे राजनेताओं में होती थी। उन्होंने B.A, B.T और राजनीति शास्त्र में M.A की डिग्री हासिल की। उनकी पढ़ाई केके कॉलेज इटावा, एके कॉलेज शिकोहाबाद और बीआर कॉलेज आगरा यूनिवर्सिटी से पूरी हुई। इसके बाद वे प्रवक्ता के पद पर तैनात हुए और बाद में शिक्षक के पद से इस्तीफा देकर राजनीति में आये।
वे पहली बार 1967 में उत्तर प्रदेश विधान सभा के लिए चुने गये और इसके बाद उन्होंने कभी भी मुड़कर पीछे नहीं देखा। वे 8 बार यूपी विधानसभा पहुंचे।
1975 में इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल की घोषणा के समय मुलायम सिंह यादव को गिरफ्तार किया गया और 19 महीनों तक वे जेल में रहे।
वे 1977 में पहली बार उत्तर प्रदेश में मंत्री बने। वे 1980 में जनता दल की सहयोगी पार्टी लोक दल के अध्यक्ष भी चुने गये। 1982 में वे उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद पर भी रहे।
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मुलायम सिंह यादव 1989 में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी की स्थापना की। 1993 में वे दोबारा यूपी के मुख्यमंत्री बने। सितंबर 2003 में उन्होंने तीसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
यूपी की पॉलिटिक्स जिन धर्म और जाति के मुकामों की प्रयोगशाला से गुजरी, उसके एक कर्ताधर्ता मुलायम भी थे। उन्होंने हर वर्ग को साधा और उन्हें हर वर्ग का साथ भी मिला। उन्हें नये राजनीतिक प्रयोगों के लिये हमेशा याद रखा जायेगा।