खेलो इंडिया यूथ गेम्स में स्वर्ण की उम्मीद रहेंगी अवंतिका, जानिये इस खिलाड़ी का पूरा सफर

डीएन ब्यूरो

एक प्लंबर की बेटी होने से लेकर दुती चंद का 200 मीटर जूनियर राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने तक, अवंतिका नारले ने बहुत लंबा सफ़र तय किया है। अब अवंतिका हरियाणा के पंचकुला में होने वाले खेलो इंडिया यूथ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने का सपना रखती हैं। पढ़िए पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

अवंतिका नारले  (फाइल फोटो)
अवंतिका नारले (फाइल फोटो)


मुंबई: एक प्लंबर की बेटी होने से लेकर दुती चंद का 200 मीटर जूनियर राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने तक, अवंतिका नारले ने बहुत लंबा सफ़र तय किया है।अब अवंतिका हरियाणा के पंचकुला में होने वाले खेलो इंडिया यूथ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने का सपना रखती हैं।

अवंतिका ने अपनी तैयारी के बारे में बात करतेे हुए कहा, “मैं बहुत मेहनत से तैयारी करती आ रही हूं, और मुझे विश्वास है कि मैं हरियाणा में एक या दो स्प्रिंट में स्वर्ण पदक ज़रूर जीतूंगी।

पुणे से आने वाली अवंतिका खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करेंगी।

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उल्लेखनीय है कि अवंतिका खेलो इंडिया के मंच पर पहली बार हिस्सा नहीं ले रही हैं। वह इससे पहले 2019, पुणे में हुए यूथ गेम्स में 100मीटर का खिताब जीतने से चूक गयी थीं, मगर उन्होंने इस हार की भरपाई करते हुए 200 मीटर में स्वर्ण हासिल किया था।

अवंतिका के लिये यह सफ़र आसान नहीं रहा। उनके पिता एक प्लंबर हैं, और उनकी मां ने घर में वित्तीय सहायता देने के लिये एक नौकरानी के रूप में भी काम किया है। इसके बावजूद उन्होंने अपनी महरूमियों को कभी अवंतिका के ख़्वाबों के आड़े नहीं आने दिया। अवंतिका के पिता अब उसे हर रोज़ ट्रेनिंग के लिये सनस ग्राउंड ले जाते हैं।

अवंतिका ने अपने परिवार की कहानी साझा करते हुए कहा, “मुझे अपने परिवार पर गर्व है। वह मेरा और पूरे परिवार का हर मुमकिन तरीके से समर्थन करते हैं। मुझे उनकी मेहनत का कुछ फल भी मिला है, लेकिन अभी बहुत लंबा सफ़र तय करना है।”

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अवंतिका ने 2019 में हांगकांग में आयोजित एशियाई यूथ एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 100 मीटर दौड़ में स्वर्ण हासिल किया था। उन्होंने 200 मीटर और मेडले रिले में रजत भी जीता था।

पुणे के मामासाहेब मोहोल कॉलेज में प्रथम वर्ष की छात्रा अवंतिका का पहला प्यार कबड्डी था, मगर उनके एथलेटिक्स कोच संजय पतनकर ने उनके अंदर छुपी स्प्रिंट प्रतिभा को पहचाना। खेलो इंडिया के प्र‌भाव के बारे में अवंतिका ने कहा कि यह आयोजन उनके जैसे कई खिलाड़ियों के लिये एक उम्मीद बनकर आया है। उनका मानना है कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स जैसे आयोजन युवा प्रतिभाओं को सही वक्त पर उनका कौशल प्रदर्शित में मदद करते हैं।

उन्होंने कहा, “इस तरह की पहल से उन एथलीटों को मदद मिलती है जो कम उम्र में उत्कृष्टता हासिल करना चाहते हैं, लेकिन उनके पास पैसा नहीं है। देश का हर युवा एथलीट अब अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए खेलो इंडिया गेम्स में भाग लेने के लिए तरस रहा है। कुछ एथलीटों को खेलो इंडिया कार्यक्रम के तहत सरकार से छात्रवृत्ति भी मिली है। यह बहुत अच्छा है कि युवा एथलीटों को अब जीत के बाद पेशेवर और आर्थिक सहायता मिलती है।(वार्ता)










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