Maharashtra Polls: जानिये चुनावी समर में खड़े विधायकों की संपत्ति और उनका आपराधिक रिकार्ड
महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं। डाइनामाइट न्यूज़ आपको प्रदेश के चुनाव से जुड़े कुछ ऐसे फैक्ट्स से अवगत करा रहा है, जिसे देश की जनता और महाराष्ट्र के हर वोटर के लिये जानना जरूरी है।
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा पर इस समय पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं, जहां देश की लगभग 9 फीसदी आबादी रहती है और देश की जीडीपी में इसका योगदान लगभग 13 फीसदी है। इसका सकल राज्य घरेलू उत्पाद लगभग 435 बिलियन डॉलर से अधिक है, जो इसे भारत की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी बनाता है। राज्य की राजधानी मुंबई को भारत की आर्थिक राजधानी भी कहा जाता है क्योंकि यहां देश के सबसे अधिक धनकुबेर रहते हैं।
राज्य में लगभग 10 करोड़ मतदाता
इन धनकुबरों में कई हस्तियां दुनिया के सबसे अमीरों की सूची में भी शामिल हैं। देश को सबसे अधिक राजस्व देने वाले इस राज्य की कुल आबादी 13 करोड़ है। 30 अगस्त की सूची के अनुसार, राज्य में लगभग 10 करोड़ मतदाता हैं, जो इस चुनाव में 7,995 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। हालांकि, उम्मीदवारों की सही संख्या 4 नवबंर तक ही पता लगेगी, जो नाम वापसी की अंतिम तिथि है।
आज डाइनामाइट न्यूज़ आपको महाराष्ट्र चुनाव से जुड़े कुछ ऐसे फैक्ट्स से अवगत करायेगा, जिसे देश की जनता और महाराष्ट्र के हर वोटर के लिये जानना जरूरी है।
ADR ने जारी की रिपोर्ट
देश के सबसे अमीर इस राज्य में चुनाव पर भी जमकर पैसा बहाया जा रहा है। चुनाव लड़ने वाले अनेक उम्मीदवारों पर आपराधिक और गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इनमे से कई उम्मीदवार अकूत संपत्ति के मालिक हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स यानी एडीआर और महाराष्ट्र इलेक्शन वॉच ने राज्य के 288 में से 272 विधायकों के वित्तीय, आपराधिक और अन्य मामलों से जुड़ी एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
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रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र विधानसभा के मौजूदा 60 प्रतिशत यानी 164 विधायकों ने खुद ही अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। कम से कम 39 प्रतिशत यानी 106 विधायकों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं, जिनमें हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध शामिल हैं। जिनमें से 10 पर हत्या के प्रयास और 12 पर महिलाओं से जुड़े मामले दर्ज हैं।
इन 272 मौजूदा विधायकों में से 252 यानी 93 फीसदी विधायक करोड़पति हैं।
इतने विधायकों पर दर्ज आपराधिक मामले
विधायकों के पार्टी वार विश्लेषण से पता चलता है कि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के 103 में से कम से कम 62 विधायक, एनसीपी अजित पवार गुट के 40 में से 25 विधायक और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंद की शिवसेना के 38 में से 22 विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की स्वयं घोषणा की है।
दूसरी तरफ विपक्ष में शामिल कांग्रेस के 37 में से 20 विधायक, शिवसेना उद्धव ठाकरे के 16 में से 9 विधायक, एनसपी शरद पवार के 12 में से 6 विधायकों के अलावा 12 निर्दलीय विधायकों पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं।
पराग शाह सबसे अमीर उम्मीदवार
भाजपा उम्मीदवार पराग शाह चुनाव लड़ने वालों में सबसे अधिक अमीर है, जिनकी कुल संपत्ति 3 हजार, 3 सौ 83 करोड़ से भी ज्यादा है। आपको जानकर शायद आश्चर्य हो कि पराग शाह की संपत्ति में पिछले 5 साल में 575 फीसदी का जबरदस्त इजाफा हुआ है। 2019 के विधानसभा चुनाव में उनकी घोषित प्रॉपर्टी मात्र लगभग 550 करोड़ थी। वे घाटकोपर पूर्व सीट विधायक हैं।
सरकार में शामिल कई मंत्रियों की संपत्ति में पिछले पांच सालों में 220 से 772 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अदिति तटकरे की संपत्ति जहां 2019 में मात्र 39 लाख रुपये थी, वहीं 2024 आते-आते इसमें 772 फीसदी हुआ और बढ़कर हो गई लगभग साढ़े तीन करोड़। यहीं नहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की संपत्ति में भी पिछले पांच वर्षों में 187 फीसदी की उछाल दर्ज किया गया, जो लगभग पौने आठ करोड़ से बढ़कर साढ़े 22 करोड़ रुपए हो गई।
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एडीआर ने इस तरह किया विश्लेषण
एडीआर ने ये विश्लेषण 2019 के विधानसभा चुनाव और उसके बाद हुए उपचुनावों में उम्मीदवारों द्वारा दाखिल किये गये शपथपत्रों के आधार पर किया है।
रिपोर्ट बताती है कि 109 यानी 40 प्रतिशत विधायकों की शैक्षिक योग्यता 5वीं से 12वीं के बीच है जबकि 151 यानी 56 फीसदी विधायकों ने स्नातक या इससे अधिक पढ़ाई की है। कुछ विधायकों ने अपनी शैक्षिक योग्यता डिप्लोमा धारक घोषित की है।
12वीं क्लास है औसत शिक्षा
गौर करने वाली बात ये है कि 60 फीसदी विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 39 प्रतिशत पर गंभीर अपराध दर्ज हैं। लेकिन 56 फीसदी विधायकों ने ही स्नातक तक या इससे अधिक की पढ़ाई की है। कुल मिलाकर शिक्षा के मामले में पिछड़े नेता अपराध और कमाई के मामलों में काफी आगे है।
इन विधायकों की औसतन संपत्ति लगभग 25 करोड़ प्रति विधायक है, जबकि औसत शिक्षा 12वीं क्लास तक है। यानी कमाई और अपराध के मामलों में अव्वल नेता पढ़ाई-लिखाई में पीछे हैं।