DN Exclusive मुज़फ्फरनगर: जीवना गांव में बुखार से 8 मौतें, दर्जनों बीमार
मंसूरपुर थाना क्षेत्र के जीवना गांव में बुखार से हो रही मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। लोगों का मानना है कि यह बुखार नहीं बल्कि महामारी है, जिसके कारण अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। दर्जनों लोग बुखार की चपेट में हैं।
मुज़फ्फरनगर: मंसूरपुर थाना क्षेत्र के जीवना गांव में बुखार से हो रही मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। कुछ लोगों का मानना है कि यह बुखार नहीं बल्कि महामारी है, जिसके कारण गांव में अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। दर्जनों लोग बुखार की चपेट में हैं, जिनका प्राइवेट क्लीनिकों व घरों पर उपचार चल रहा है। बुधवार को भी बुखार पीड़ित एक महिला ने दम तोड़ दिया। बुखार के बढ़ते प्रकोप ने जहां झोला छाप डॉक्टरों को चाँदी काटने का मौका दे दिया है, वहीं स्वास्थ्य विभाग अब भी गहरी नींद सो रहा है, जिस कारण हालत बेकाबू होते जा रहे है।
स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता
जीवना गांव में बुखार के कारण एक बाद एक मौत से ग्रामीण दहशत में हैं। आधा दर्जन लोगों की हालत गंभीर बनी है। स्वास्थ्य विभाग इनसे मुंह मोड़े हुए है। अभी तक गांव में कोई चिकित्सका शिविर नहीं लगाया गया। ग्रामीणों ने कीटनाशक का छिड़काव कराने और स्वास्थ परीक्षण कर दवाइयां देने की मांग की। बुधवार को संतोष पत्नी सुभाष की बुखार से मौत हो गई। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में महामारी फैली है। आठ की मौत हो चुकी है। लाखों रुपये बीमारी पर खर्च हो रहा है। मेरठ, मुजफ्फरनगर, दिल्ली व खतौली के महंगे अस्पतालों में उपचार चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है।
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बुखार से हुई जिनकी मौत
जीवना गांव में बुखार से जिनकी अब तक मौत हो चुकी है, उनमें भोती पत्नी जसवंत, शाब्बर अली पुत्र अलीमुद्दीन, रामधन पुत्र गंगाचरण, महेंद्री पत्नी घसीटू, संतोष पत्नी राजवीर व किशनदेई शामिल है। संतोष की बुधवार को मौत हुई है। बुखार से मौत होने से लोगों में भय बना है।
जिनका चल रहा है उपचार
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गांव में विजयपाल, सरवर, नूर फातमा, ऊषा, गौरव, कंपोस, अजब¨सह, पारुल, वंश, विनोद, ¨पकी, ममता, सपना, सोमपाल, मीनाक्षी, परवेंद्र, रीतू, लक्ष्मी, विनोद, गुड्डू, कुंदन, लक्ष्मी व परशुराम आदि को बुखार है। इनका गांव में ही उपचार चल रहा है। कुछ लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। विजयपाल, अजब व विनोद के परिवारों में तो सभी लोग बुखार की चपेट में हैं।
बुखार नहीं, महामारी
ग्राम प्रधान सोहनवीर का कहना है कि गांव में बुखार नहीं महामारी फैल रही है। बुखार से करीब आठ लोगों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों लोग बुखार की चपेट में हैं। उनके पिता परमानंद और मां लक्ष्मी भी बुखार की चपेट में हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम गांव में नहीं आई।