National Voters Day: तस्वीरों में जानिये राष्ट्रीय मतदाता दिवस का इतिहास और महत्व

डीएन ब्यूरो

देश में हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। लोकतंत्र के लिये यह दिन बेहद महत्वपूर्ण है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में तस्वीरों के जरिये समझिये राष्ट्रीय मतदाता दिवस का इतिहास और महत्व

राष्ट्रीय मतदाता दिवस

लोकतंत्र की नींव मताधिकार पर ही रखी जाती है। भारत एक लोकतांत्रित देश है जहां 18 साल की उम्र के हर नागरिक को बिना किसी भेदभाव या दबाव के अपनी पसंद का नेता चुनने का अधिकार है। लोकतांत्रिक समाज व शासन की स्थापना के लिए आवश्यक है कि प्रत्येक वयस्क नागरिक को बिना किसी भेदभाव के मत का अधिकार हासिल हो। मतदान किसी भी मतदाता का अधिकार है जिसके महत्व को समझना बेहद जरूरी है।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस कब मनाया जाता है?

राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी को मनाया जाता है। किसी भी लोकतांत्रित देश में मतदान एक उत्सव है जिसका उद्देश्य नए मतदाताओं के लिए नामांकन कराने के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें सुविधा प्रदान करना है।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस का इतिहास

25 जनवरी भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) का स्थापना दिवस है जो 1950 में अस्तित्व में आया था। यह दिन पहली बार 2011 में युवा मतदाताओं को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मनाया गया था।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस का महत्व

भारत एक लोकतांत्रिक देश है। प्रत्येक नागरिक को वोट देने का मूल अधिकार है। उन्हें अपने नेता को चुनने का अधिकार है। ऐसा नेता चुनने का अधिकार है जिसे वे सोचते हैं कि वह देश का नेतृत्व करने, आम लोगों की समस्याओं को हल करने, परिवर्तन लाने में सक्षम है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस दिन के महत्व को समझते हुए ही हम उस नेता को चुनते हैं जिसमें देश का भविष्य निहित है।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस की थीम

वर्ष 2024 की राष्ट्रीय मतदाता दिवस की थीम, ‘नथिंग लाइक वोटिंग, आई वोट फॉर श्योर’ है। आपको बता दें कि पहले मतदाता की मत देने की आयु 21 वर्ष थी लेकिन 1988 में इसे घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया। 1998 के इकसठवें संशोधन विधेयक ने भारत में मतदाता की मत देने की आयु कम कर दी।








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