सेमीकंडक्टर पाठ्यक्रम में विनिर्माण प्रौद्योगिकी पर ध्यान देने की जरूरत
चिप विनिर्माता माइक्रोन टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी संजय मेहरोत्रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि 100 से अधिक भारतीय संस्थान सेमीकंडक्टर डिजाइन पाठ्यक्रम पेश करते हैं, लेकिन उनमें से शायद ही कोई विनिर्माण तथा प्रक्रिया प्रौद्योगिकी पर ध्यान देता है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
गांधीनगर: चिप विनिर्माता माइक्रोन टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी संजय संजय मेहरोत्रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि 100 से अधिक भारतीय संस्थान सेमीकंडक्टर डिजाइन पाठ्यक्रम पेश करते हैं, लेकिन उनमें से शायद ही कोई विनिर्माण तथा प्रक्रिया प्रौद्योगिकी पर ध्यान देता है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मेहरोत्रा ने यहां 10वें वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन में कहा कि ऐसे चिप इंजीनियर की वैश्विक स्तर पर मांग काफी है।
उन्होंने ने कहा, ‘‘ हालांकि, 100 से अधिक भारतीय संस्थान सेमीकंडक्टर डिजाइन पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं, लेकिन सेमीकंडक्टर विनिर्माण तथा प्रक्रिया प्रौद्योगिकी पर शायद ही कोई ध्यान देता है। विनिर्माण इंजीनियर और तकनीशियन की वैश्विक स्तर पर मांग काफी अधिक है।’’
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए माइक्रोन अध्यक्ष के सुझाव की सराहना की और कहा कि जब सेमीकंडक्टर की बात आती है तो भारत शोध एवं विकास से लेकर बाजार तक कार्यबल प्रदान करने को इच्छुक है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें वैश्विक अपेक्षाओं का फायदा उठाना होगा।’’
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प्रधान ने कहा कि भारत के पास जनसांख्यिकीय लाभ और गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक संस्थान जैसी ताकत है।
इस बीच, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 104 विश्वविद्यालय और संस्थान सेमीकंडक्टर पर डॉक्टरेट अध्ययन सहित पाठ्यक्रम पेश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विश्वस्तर पर सेमीकंडक्टर में विशेषज्ञता वाले 10 लाख पेशेवरों की मांग है और भारत इसका लाभ उठाने के लिए उत्सुक है।
वैष्णव ने माइक्रोन से आईआईटी गांधीनगर में एक ज्ञान भागीदार के रूप में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का आग्रह किया और सुविधा के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने का वादा किया।
माइक्रोन ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में कौशल विकास के लिए इस्पात क्षेत्र की दिग्गज कंपनी आर्सेलरमित्तल के साथ गठजोड़ की भी घोषणा की।
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मेहरोत्रा ने साथ ही बताया कि गुजरात के साणंद में उसकी भारतीय विनिर्माण इकाई का पहला चरण 2025 की शुरुआत में चालू हो जाएगा।
अमेरिका स्थित कंपनी के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी संजय मेहरोत्रा ने कहा कि उसने टाटा प्रोजेक्ट्स के साथ मिलकर संयंत्र का निर्माण शुरू कर दिया है। नियुक्ति प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘ पहला चरण जिसमें 5,00,000 वर्ग फुट का संयंत्र ‘क्लीन रूम स्पेस’ शामिल होगा, 2025 की शुरुआत में चालू हो जाएगा।’’
कंपनी अहमदाबाद के पास साणंद में 2.75 अरब डॉलर का संयंत्र स्थापित कर रही है।