बिहार में वन विभाग के अधिकारियों के लिये नया फरमान जारी, पर्यावरण को बचाने के लिये करना होगा ये काम

डीएन ब्यूरो

बिहार पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग (डीईएफसीसी) ने पर्यावरण को बचाने और राज्य को स्वच्छ और हरित बनाने के प्रयास के तहत अपने सभी अधिकारियों से अपने कार्यालय कार्यों के लिए सप्ताह में कम से कम एक बार 'पेट्रोल/डीजल वाहनों' का उपयोग बंद करने को कहा है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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पटना: बिहार पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग (डीईएफसीसी) ने पर्यावरण को बचाने और राज्य को स्वच्छ और हरित बनाने के प्रयास के तहत अपने सभी अधिकारियों से अपने कार्यालय कार्यों के लिए सप्ताह में कम से कम एक बार 'पेट्रोल/डीजल वाहनों' का उपयोग बंद करने को कहा है।

विभाग के सभी वरिष्ठ और क्षेत्रीय अधिकारियों को डाइनामाइट न्यूज़ को जारी एक परिपत्र में, सचिव (डीईएफसीसी) बंदना प्रियशी ने कहा, “राज्य में वाहन प्रदूषण के बढ़ते स्तर को ध्यान में रखते हुए, यही समय है कि हमें पर्यावरण को बचाने के लिए पहल करनी चाहिए। विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से अनुरोध है कि वे अगस्त से कार्यालय कार्यों के लिए सप्ताह में कम से कम एक बार ईंधन कुशल वाहनों का उपयोग करें। हमें अपने कार्यालय कार्यों के लिए सप्ताह में कम से कम एक बार 'पेट्रोल/डीजल वाहनों' का उपयोग त्यागना चाहिए। हमें इलेक्ट्रिक वाहन, साइकिल, रिक्शा का उपयोग करना चाहिए...या यदि संभव हो तो...हम अपने कार्यालयों तक पैदल भी जा सकते हैं।''

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डाइनामाइट न्यूज़ से बात करते हुए प्रियशी ने कहा, ''हमने सामूहिक रूप से अपने कार्यालय कार्यों के लिए सप्ताह में कम से कम एक बार 'पेट्रोल/डीजल का उपयोग करने वाले या प्रदूषण फैलाने वाले' वाहनों का उपयोग बंद करने का निर्णय लिया है। यह अगस्त से प्रभावी होगा और प्रत्येक शुक्रवार वह दिन होगा जिस दिन हम इसका पालन करेंगे। हम सभी चार अगस्त (अगस्त माह के प्रथम शुक्रवार) से इसका सख्ती से पालन करेंगे। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अनुभव हम पहले से ही कर रहे हैं। पर्यावरण की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है जिसे स्वयं के प्रति और अपनी धरती एवं भावी पीढ़ियों के प्रति निभाते हैं।”

उन्होंने कहा, “सरल कदम उठाकर, हम अपनी धरती की रक्षा कर सकते हैं और अपने बच्चों के लिए एक उज्जवल भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं। जब आपको एहसास होगा कि आप पर्यावरण की रक्षा के लिए अपना योगदान दे रहे हैं तो यह एक उपलब्धि की अनुभूति होगी।''

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