Daiki Axis Japan: भारत में 200 करोड़ रुपये के निवेश करेगी दाइकी एक्सिस जापान, होगा हजरो अपशिष्ट शोधन का उत्पादन
दाइकी एक्सिस जापान हरियाणा में 200 करोड़ रुपये के निवेश से अपना दूसरा संयंत्र लगाने जा रही है। दाइकी एक्सिस इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कमल तिवारी ने पीटीआई-भाषा को यह जानकारी दी। पढिये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: दाइकी एक्सिस जापान हरियाणा में 200 करोड़ रुपये के निवेश से अपना दूसरा संयंत्र लगाने जा रही है। दाइकी एक्सिस इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कमल तिवारी ने पीटीआई-भाषा को यह जानकारी दी।
तिवारी ने बताया कि हरियाणा के पलवल में लगाए जाने वाले इस संयंत्र में जापान की ‘जोहकासौ’ प्रौद्योगिकी के साथ 1,000 अपशिष्ट शोधन इकाइयों के उत्पादन की क्षमता होगी।
दाइकी एक्सिस इंडिया जापान की दाइकी एक्सिस जापान की अनुषंगी है। यह अपशिष्ट जलशोधन समाधान उपलब्ध कराती है।
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उन्होंने कहा कि यह संयंत्र सितंबर, 2023 तक चालू हो जाएगा। कंपनी की एक इकाई गुजरात के वापी में पहले से परिचालन में है।
तिवारी ने बताया कि गुजरात की इकाई की क्षमता 800 अपशिष्ट शोधन इकाइयों के उत्पादन की है। यह इकाई 2019 में चालू हुई थी।
नई इकाई की स्थापना के साथ कंपनी अपने ग्राहक आधार में विस्तार की तैयारी कर रही है।
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कंपनी के सीईओ ने कहा कि इस उत्पाद का इस्तेमाल औद्योगिक, वाणिज्यिक और आवासीय खंड में हो सकता है। उन्होंने बताया कि कंपनी के पास इन इकाइयों की स्थापना में ग्राहकों की मदद को एक पूरी टीम है। इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल पहले से गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और दिल्ली में हो रहा है।
तिवारी ने बताया कि भारत और जापान ने हाल में अपशिष्ट जलशोधन में जोहकासौ प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को सहयोग ज्ञापन (एमओसी) पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि स्वच्छ पानी और साफ-सफाई लोगों के जीवन और स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण के लिए काफी महत्वपूर्ण है। सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई पहल कर रही है।
उन्होंने बताया कि इस प्रौद्योगिकी की प्रणाली का नियमन जापान के जोहकासौ कानून के तहत होता है। इसके विनिर्माण, स्थापना, परिचालन और रखरखाव के लिए तकनीकी मानदंड तय हैं (भाषा)