गोरखपुर दंगा: सुप्रीम कोर्ट ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ दायर याचिका की खारिज, जानिये क्या है पूरा मामला
उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ वर्ष 2007 के गोरखपुर दंगों के मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति देने की मांग संबंधी याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
नयी दिल्ली:उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ वर्ष 2007 के गोरखपुर दंगों के मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति देने की मांग संबंधी याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।
यह भी पढ़ें: क्या आपको पता है यूपी के 10 सबसे अच्छे और सबसे खराब तहसील और थाने कौन हैं? देखें लिस्ट
मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि याचिका का कोई ठोस आधार नहीं है।शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री के खिलाफ वर्ष 2007 का मुकदमा वापस लेने तथा उनके खिलाफ मुकदमा आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं देने के फैसले के खिलाफ अपील को खारिज कर दी।
यह भी पढ़ें |
Demonetisation: सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को लेकर सरकार के फैसले को बताया सही, सभी याचिकाएं खारिज
यह भी पढ़ें: निकाय चुनाव की रणनीति तैयार करने में जुटी सपा, बैठक में लिये गये अहम फैसले
शीर्ष अदालत ने 24 अगस्त को सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने योगी आदित्यनाथ और अन्य पर दंगों में शामिल होने के आरोप लगाने वाली याचिका 2018 में खारिज कर दी थी।
उच्च न्यायालय के आदेश पर ही हालांकि, गोरखपुर के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ अन्य के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में 2008 में गोरखपुर के कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।मुख्यमंत्री अन्य पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर स्थानीय पत्रकार परिवेज परवाज और सामाजिक कार्यकर्ता असद हयात ने याचिका दायर की थी।
यह भी पढ़ें |
राजद्रोह कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को लेकर आयी बड़ी खबर.. जानिये क्या होगा आगे
प्राथमिकी में आरोप लगाए गए थे कि श्री योगी और अन्य की ओर से दिए गए संप्रदायिक भाषणों की वजह से जनवरी 2007 में गोरखपुर में दंगे भड़के।(वार्ता)