भारतीय कोचों और खिलाड़ियों को खेल विज्ञान में और शिक्षित करने की है जरूरत: मैथ्यू
बर्मिघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय दल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी रहे अरूण बासिल मैथ्यू का मानना है भारतीय खिलाड़ियों उच्चतम स्तर पर खेल विज्ञान को समझने में काफी लंबा सफर तय किया है लेकिन अभी भी सुधार की गुंजाइश है । पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
नयी दिल्ली: बर्मिघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय दल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी रहे अरूण बासिल मैथ्यू का मानना है कि भारतीय खिलाड़ियों उच्चतम स्तर पर खेल विज्ञान को समझने में काफी लंबा सफर तय किया है लेकिन अभी भी सुधार की गुंजाइश है ।
पिछले साल तोक्यो ओलंपिक में भी भारतीय टीम के साथ गए मैथ्यू ने बर्मिंघम खेलों में खिलाड़ियों की चिकित्सा जरूरतों का जिम्मा संभाला था।
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उन्होंने पीटीआई से कहा ,‘‘ आजकल अधिकांश को अभ्यास , आहार, चोटों की अच्छी खासी जानकारी है । कोचों को धन्यवाद जिनकी वजह से यह संभव हो सका । मैं जरूर कहूंगा कि भारतीय खेलों में यह नयी चीज है और सरकार की नीतियों और अच्छी रणनीतियों को इसका श्रेय जाता है।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ अभी भी सुधार की गुंजाइश है । खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ को खेल विज्ञान में और शिक्षित करना होगा । अभ्यास का सही मॉडल, खुराक और चोटों से बचाव की रणनीति, आराम और रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम की जानकारी देनी होगी ।’’
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उन्होंने कहा ,‘‘ सरकार को जमीनी स्तर से प्रतिभाओं को तलाशने पर और फोकस करना होगा । उन्हें खेल विज्ञान की अच्छी जानकारी देनी होगी ।’’
उन्होंने बताया कि राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधू, पैरा चक्का फेंक खिलाड़ी अनीश कुमार पिल्लई , हॉकी खिलाड़ी नवजोत कौर कोरोना पॉजिटिव पाये गए थे । (भाषा)