RBI Policy: सहकारी बैंक अब ज्यादा दे सकेंगे लोन
रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शहरी सहकारी बैंक (यूसीबी) की ओर से ग्राहकों को दिये जाने वाले आवास ऋण की सीमा 30 लाख रुपये से बढ़ाकर 60 लाख और ग्रामीण सहकारी बैंक (आरसीबी) की सीमा 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी है। पढिये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
मुंबई: रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शहरी सहकारी बैंक (यूसीबी) की ओर से ग्राहकों को दिये जाने वाले आवास ऋण की सीमा 30 लाख रुपये से बढ़ाकर 60 लाख और ग्रामीण सहकारी बैंक (आरसीबी) की सीमा 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी है।
आरबीआई की बुधवार को विकासात्मक और नियामक नीतियों पर जारी बयान में कहा गया है कि मौजूदा दिशानिर्देश में व्यक्तिगत आवास ऋण पर विवेकपूर्ण सीमाएं निर्धारित की गई हैं। यह प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी), और ग्रामीण सहकारी बैंकों (आरसीबी - राज्य सहकारी बैंकों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों) द्वारा अपने ग्राहकों को दी जा सकती हैं।
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इससे पहले आवास ऋण सीमाओं को यूसीबी के लिए वर्ष 2011 में और आरसीबी के लिए वर्ष 2009 में संशोधित किया गया था। पिछली बार सीमा को संशोधित करने के बाद से आवास की कीमतों में वृद्धि और ग्राहकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सहकारी बैंकों में व्यक्तिगत आवास ऋण पर मौजूदा सीमा को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
रिजर्व बैंक ने कहा कि इस निर्णय के आलोक में टियर एक यूसीबी की आवास ऋण सीमा 30 लाख रुपये से बढ़ाकर 60 लाख रुपये और टियर दो यूसीबी की सीमा 70 लाख से बढ़ाकर 140 लाख रुपये कर दी गई है। इसी तरह 100 करोड़ रुपये से कम नेटवर्थ वाले आरसीबी की आवास ऋण सीमा 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये और अन्य आरसीबी के लिए 30 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये हो गई है। इस संबंध में विस्तृत सर्कुलर अलग से जारी किया जाएगा।
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केंद्रीय बैंक ने कहा कि मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, राज्य सहकारी बैंकों (एसटीसीबी) और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) को वाणिज्यिक रियल इस्टेट क्षेत्र को ऋण देने से प्रतिबंधित किया गया है। किफायती आवास की बढ़ती आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए और आवास क्षेत्र को ऋण सुविधाएं प्रदान करने में इन सहकारी बैंकों की क्षमता का परीक्षण करने के लिए निर्णय लिया गया है कि एसटीसीबी और डीसीसीबी को मौजूदा समग्र आवास के भीतर वाणिज्यिक रियल एस्टेट-रेसिडेंशियल आवास के लिए परिसंपत्ति के कुल मूल्य का पांच प्रतिशत ऋण देने की अनुमति दी गई है।
इसके साथ ही ग्राहकों तक बैंकिंग सेवाओं की पहुंच का विस्तार करने के उद्देश्य से शहरी सहकारी बैंकों को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की तरह अपने ग्राहकों को डोरस्टेप बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने की अनुमति दी गई है। (वार्ता)