नई दिल्ली: एनआईए की विशेष अदालत ने आतंकी संगठन के सदस्य को पांच साल कैद की सजा सुनाई
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने हिज्बुल मुजाहिदीन के एक ‘मॉड्यूल’ के गठन से जुड़े 2018 के षड्यंत्र मामले में एक व्यक्ति को दोषी करार देते हुए पांच साल की सश्रम कैद की सजा सुनाई है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने हिज्बुल मुजाहिदीन के एक ‘मॉड्यूल’ के गठन से जुड़े 2018 के षड्यंत्र मामले में एक व्यक्ति को दोषी करार देते हुए पांच साल की सश्रम कैद की सजा सुनाई है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
संघीय जांच एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि गुवाहाटी की विशेष अदालत ने असम के होजई क्षेत्र निवासी मोहम्मद सैदुल आलम पर जुर्माना भी लगाया।
होजई जिला स्थित जमनामुख पुलिस थाने से पांच अक्टूबर 2018 को जांच की जिम्मेदारी एजेंसी द्वारा अपने हाथों में लेने के बाद 11 मार्च 2019 को एनआईए को पांच लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया।
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एनआईए अदालत ने पिछले साल 23 दिसंबर को दो आरोपियों--शाहनवाज आलम और उमर फारूक--को दोषी करार दिया था।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘एनआईए जांच में खुलासा हुआ है कि तीनों दोषियों ने असम में हिज्बुल मुजाहिदीन का मॉड्यूल गठित करने के लिए कामराज जमान नाम के व्यक्ति के साथ साजिश रची थी। 2017-18 में, उन्होंने विभिन्न मस्जिदों में सिलसिलेवार बैठकें आयोजित की थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इन बैठकों का इस्तेमाल कथित उत्पीड़न और जिहाद के बारे में प्रतिबंधित संगठन की कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार करने में किया गया था।’’
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अधिकारी ने कहा कि जमान, आलम और फारुख ने हथियार और गोलाबारुद की खरीद के लिए धन जुटाने की साजिश रची।