Agnipath Vs Youth: 'अग्निपथ' के खिलाफ क्यों हो गये नौजवान? क्या सरकार से हो गयी कोई चूक?

मनोज टिबड़ेवाल आकाश

'अग्निपथ' योजना के ऐलान के 48 घंटे के अंदर देश के अलग-अलग राज्यों में बवाल, हिंसा और आगजनी शुरु हो गयी। नौजवान सड़क पर उतर गये, इससे बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या योजना बनाते समय ग्राउंड जीरो पर मोदी सरकार के अफसरों ने कोई मेहनत की या फिर सिर्फ एसी कमरों में बैठकर योजना को अमलीजामा पहना दिया गया। डाइनामाइट न्यूज़ का त्वरित विश्लेषण:



नई दिल्ली: दो दिन पहले घोषित 'अग्निपथ' योजना अभी जमीन पर भी नहीं उतर पाई थी कि देश के तमाम हिस्सों में युवा इसके खिलाफ सड़कों पर उतर आये। बिहार से शुरू हुये इस विरोध ने उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान सहित देश के कई राज्यों को अपनी चपेट में ले लिया है। 

योजना की घोषणा होने के महज 48 घंटे के अंदर ही इसका उग्र विरोध होना कई सवाल खड़े कर रहा है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या योजना बनाते समय ग्राउंड जीरो पर मोदी सरकार के अफसरों ने कोई मेहनत की या फिर यूं ही बैठे-बिठाये योजना को अमलीजामा पहना दिया गया? क्या युवाओं से कोई रायशुमारी की गयी? 

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इतने बड़े विरोध को सिर्फ यह कहकर खारिज नहीं किया जा सकता कि कोई युवाओं को भड़का रहा है। युवाओं को इस सवाल का माकूल जवाब मिलना चाहिये कि चार साल के बाद उनका भविष्य क्या होगा? 

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दो साल से लंबित सेनाओं की भर्ती क्यों नहीं पूरी की जा रही? युवा 'अग्निपथ' योजना के तहत महज चार साल की प्रस्तावित नौकरी की बजाय स्थायी नौकरी की मांग कर रहे हैं। 

उचित होगा कि मोदी सरकार बिना देर किये युवाओं के प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर मिले और उनकी इन आशंकाओं को दूर करे ताकि विरोध की आग को और फैलने से रोका जा सके। 










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