म्यूचुअल फंड कंपनियों के लिए नुकसान का सबब बन रही नई योजनाए, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) की म्यूचुअल फंड कंपनियों पर नई योजनाएं (एनएफओ) लाने की रोक की वजह से बीते वित्त वर्ष 2022-23 में नई योजनाओं के जरिये जुटाई गई राशि में गिरावट आई है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) की म्यूचुअल फंड कंपनियों पर नई योजनाएं (एनएफओ) लाने की रोक की वजह से बीते वित्त वर्ष 2022-23 में नई योजनाओं के जरिये जुटाई गई राशि में गिरावट आई है। आंकड़ों के अनुसार, बीते वित्त वर्ष में नई योजनाओं के जरिये म्यूचुअल फंड उद्योग ने 62,342 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 42 प्रतिशत कम है।
हालांकि, 2022-23 में इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में अधिक संख्या में एनएफओ लाए गए।
मॉर्निंगस्टार इंडिया द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में कुल 253 नई योजनाएं शुरू की गईं, जो 2021-22 के 176 के आंकड़े से अधिक है।
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, उद्योग के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष में संपत्ति प्रबंधन कंपनियां (एएमसी) ने विभिन्न श्रेणियों में 12 एनएफओ की पेशकश की है।
आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में कुल 182 ओपन-एंड और 71 क्लोज-एंड योजनाओं से 62,342 करोड़ रुपये जुटाए गए।
इसकी तुलना में, 2021-22 में 176 एनएफओ के जरिये 1,07,896 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई थी। म्यूचुअल फंड कंपनियों ने 2020-21 में 84 नई योजनाओं से 42,038 करोड़ रुपये जुटाए थे।
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बीते वित्त वर्ष में कई कारणों से एनएफओ संग्रह प्रभावित हुआ। इसमें एक प्रमुख वजह सेबी द्वारा नई योजनाओं की पेशकश पर तीन माह की रोक थी।
इसके अलावा बेहद उतार-चढ़ाव वाले बाजार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की निकासी और वैश्विक कारकों से भी एनएफओ में निवेश प्रभावित हुआ।