NIA: एनआईए ने केटीएफ भर्ती, हथियार तस्करी मामले में पूरक आरोप पत्र दायर किया

डीएन ब्यूरो

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने पंजाब के गुरदासपुर जिले में सीमा पार से हथियार और गोला बारूद की ड्रोन के जरिये तस्करी करने से जुड़े मामले में एक व्यक्ति के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण


नयी दिल्ली: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने पंजाब के गुरदासपुर जिले में सीमा पार से हथियार और गोला बारूद की ड्रोन के जरिये तस्करी करने से जुड़े मामले में एक व्यक्ति के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार संघीय एजेंसी के एक प्रवक्ता ने बताया कि मलकीत सिंह उर्फ ‘​​​​पिस्टल’ के खिलाफ आरोप पत्र पंजाब के मोहाली में एनआईए की विशेष अदालत में दायर किया गया।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने भगताना-बोहरवाला गांव की श्मशान भूमि से ऑस्ट्रिया निर्मित पांच पिस्तौल, 10 मैगजीन और 91 कारतूस सहित आग्नेयास्त्रों और गोला-बारूद की जब्ती की थी, जिसके बाद 24 मार्च को बटाला के डेरा बाबा नानक पुलिस थाना में शुरुआत में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

यह भी पढ़ें | एनआईए ने 2022 के हरियाणा में आईईडी बरामदगी मामले में वाहन जब्त किया

केंद्रीय एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि आठ अगस्त को एनआईए ने फिर से शस्त्र अधिनियम, वायुयान अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।

अधिकारी ने कहा कि जांच में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के सदस्यों और पाकिस्तान स्थित व्यक्तियों के बीच संबंधों का पता चला है।

प्रवक्ता ने बताया, ‘‘इस आतंकी नेटवर्क में पहचाने गए आरोपियों में मलकीत सिंह, तरनजोत सिंह उर्फ ‘​तन्ना’ और गुरजीत सिंह उर्फ ​​‘पा’ शामिल हैं। इसके अलावा जांच के दौरान खुलासा हुआ कि इन लोगों का सीधा संपर्क पाकिस्तान स्थित मादक पदार्थ तस्करों, रहमत अली उर्फ ‘​मियां’, पाकिस्तान से संचालित केएलएफ और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) के प्रमुख लखबीर सिंह रोडे उर्फ ‘​बाबाजी’ और रणजोत सिंह राणा के साथ था।’’

यह भी पढ़ें | Arms Smuggling: सीमा पार से हो रही थी हथियारों की तस्करी, NIA ने किया गैंग का भंडाफोड़, जानिये क्या-क्या मिला

अधिकारी ने बताया कि केएलएफ और आईएसवाईएफ, दोनों को कानून लागू करने वाले कर्मियों पर उनके सुनियोजित हमलों के साथ-साथ आपराधिक धमकी, हत्या, जबरन वसूली, आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने और लोगों के बीच आतंक पैदा करने के लिए सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था।










संबंधित समाचार