काबुल के पतन के बाद कश्मीर में तालिबान लड़ाकों की कोई घुसपैठ नहीं, जीओसी चिनार,जानिये ताज़ाअपडेट
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता की बागडोर अपने हाथ में लेने के बाद कश्मीर में तालिबानी लड़ाकों की घुसपैठ की आशंकाओं का कोई असर नहीं दिखा और घाटी में किसी अफगानी तालिबान ने घुसपैठ नहीं की है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
श्रीनगर: सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता की बागडोर अपने हाथ में लेने के बाद कश्मीर में तालिबानी लड़ाकों की घुसपैठ की आशंकाओं का कोई असर नहीं दिखा और घाटी में किसी अफगानी तालिबान ने घुसपैठ नहीं की है।
चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल ए. डी. एस. औजला ने कहा कि पाकिस्तान में चल रहे आंतरिक संकट के कारण, कश्मीर को लेकर कोई बड़ी चिंता नहीं है। हालांकि घुसपैठियों, मादक पदार्थों या हथियारों को इस ओर भेजने के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए सशस्त्र बलों को सतर्क रहना होगा।
जनरल औजला ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘ जहां तक तालिबान 2.0 (अफगानिस्तान में तालिबान के फिर सत्ता में आने) के बाद उत्पन्न हुई आशंकाओं की बात है...कश्मीर में भी इसको लेकर चिंताए हैं हालांकि ऐसा हुआ नहीं।’’
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उन्होंने कहा कि दूसरी ओर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में ऐसे कुछ मामले सामने आए, हालांकि इस ओर ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जनरल औजला ने कहा, ‘‘ किसी अफगानी तालिबान ने घुसपैठ नहीं की...इस संबंध में हमने चीजें नियंत्रित की हैं।’’
जीओसी ने कहा कि भारत का कद सैन्य, विदेशी मामलों और अर्थव्यवस्था सहित कई क्षेत्रों में बढ़ा है और आज उसे ‘‘सबसे बेहतरीन व सबसे शक्तिशाली’’ देशों में गिना जाता है।
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पीओके से आतंकवादियों की घुसपैठ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तानियों की मंशा नहीं बदली है।
लेफ्टिनेंट जनरल औजला ने कहा कि पिछले साल घाटी में घुसपैठ की सबसे कम घटनाएं सामने आईं।
उन्होंने कहा कि सीमा पार से मादक पदार्थ और गोलाबारूद की तस्करी तथा घुसपैठ चिंता का कारण बनी हुई है।