Lockdown: सरकारी कर्मचारियों के जीपीएफ को लेकर मनोहर लाल खट्टर का बड़ा ऐलान
कोरोना महामारी के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन के कारण वित्तीय संकट के बावजूद, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने स्पष्ट किया है कि विवाह जैसे अपरिहार्य व्यय के लिए कर्मचारियों के अग्रिम जीपीएफ की निकासी पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
चंडीगढ़: कोरोना महामारी के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन के कारण वित्तीय संकट के बावजूद, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने स्पष्ट किया है कि विवाह जैसे अपरिहार्य व्यय के लिए कर्मचारियों के अग्रिम जीपीएफ की निकासी पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
खट्टर ने विभिन्न कर्मचारी संघों के नेताओं से बातचीत में उन्हें यह जानकारी दी। उन्होंने कर्मचारियों को सरकार की रीढ़ मानते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें 17 प्रतिशत महंगाई भत्ते का लाभ मिलता रहेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि 12,316 पदों पर भर्ती के लिए अंतिम परिणाम, जिसके लिए पहले ही लिखित परीक्षा आयोजित की जा चुकी है, लॉकडाउन की अवधि पूरी होने के तुरंत बाद घोषित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के पांच वर्षों के कार्यकाल में, 68,560 पद हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग(एचएसएससी) और लगभग 5000 पद हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) ने भरे गए हैं। जबकि पिछली कांग्रेस सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल में केवल एचएसएससी ने लगभग 80,000 और एचपीएससी ने लगभग 8000 पद भरे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने प्रदेश में एक निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती नीति अपनाई है जिसके तहत युवाओं को योग्यता के आधार पर नौकरियां दी जा रही हैं।
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उन्होंने दुगुना वेतन लेने से इनकार करने और हरियाणा कोरोना राहत कोष में एक दिन के वेतन का योगदान देने के अपने फैसले के लिए नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा के लिए आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि एक पत्र में, एसोसिएशन ने यह अवगत कराया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी के खिलाफ जुटे नर्सिंग स्टाफ का मासिक वेतन दोगुना करने की घोषणा की थी। इसके अलावा नियमित नर्सिंग स्टाफ ने भी हरियाणा कोरोना राहत कोष में एक दिन के वेतन का योगदान करने की इच्छा व्यक्त की है।
मुख्यमंत्री ने सभी स्वास्थ्य संगठनों, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और एनएचएम, पुलिस कर्मियों, स्वच्छता कर्मियों, बिजली, पब्लिक हेल्थ, और अन्य सभी विभागों का भी आभार व्यक्त किया जो इस संकट की घड़ी में लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2.80 लाख सरकारी कर्मचारियों में से, दो लाख ने हरियाणा कोरोना राहत कोष में योगदान करने की इच्छा व्यक्त की है और योगदान दिया। उन्होंने शेष कर्मचारियों से भी आगे आने और फंड में योगदान देने की अपील की और कहा कि कोष में योगदान करने का विकल्प कर्मचारियों को अगले महीने के लिए भी उपलब्ध होगा।
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खट्टर ने कहा कि राज्य सरकार को हर महीने छह से सात हजार करोड़ रुपये की राशि वेतन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन और ऋण अदायगी सहित पेंशन के खर्च पर करनी पड़ती है, इसलिए कर्मचारी संघ को संकट के इस समय में कुछ भत्तों को जारी रखने या स्थगित करने सहित उनके खर्चों को कम करने हेतु आगे आना चाहिए और सुझाव देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि राज्य में कोई भी गरीब व्यक्ति भोजन से वंचित न रहे। इसके लिए, राज्य सरकार ने अब तक 1.93 करोड़ खाद्य पैकेट वितरित किए गए हैं। इसके अलावा, लगभग 16,000 प्रवासी मजदूरों और बेघर लोगों के लिए राहत शिविरों की व्यवस्था की गई है।
बैठक में मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, अतिरिक्त प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, सूचना, जनसंपर्क विभाग के निदेशक पी. सी. मीणा और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। (वार्ता)