Lucknow : यूपी सरकार की बढ़िया पहल, कंपनियों को झटका, लोगों को राहत

डीएन ब्यूरो

यूपी सरकार जल्द आउटडोर विज्ञापन नीति ला रही है। इसके तहत अब होर्डिंग गिरने से मौत पर कंपनियों को मुआवजा देना होगा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की ये रिपोर्ट।

सीएम योगी
सीएम योगी


लखनऊ: यूपी के शहरों में होर्डिंग गिरने से हुई दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सरकार जल्द ही आउटडोर विज्ञापन नीति-2024 (Outdoor Advertising Policy 2024) लाने जा रही है। इसके तहत सड़कों या छतों पर लगे हौर्डिंग के गिरने से किसी की मौत या विकलांगता होने पर विज्ञापन लगाने वाली कंपनियों को मुआवजा देना होगा। 

मुआवजे की राशि बाद में होगी तय 
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार लाइसेंस लेने वालों को तीसरे पक्षों के प्रति देनदारियों के लिए सार्वजनिक देयता बीमा पॉलिसी भी करना अनिवार्य होगा। इतना ही नहीं संपत्तियों की क्षति होने पर भी विज्ञापन एजेंसियों (Advertisement Agency) को पीड़ित पक्ष को मुआवजा देना होगा। इसके लिये मुआवजे की राशि बाद में तय की जाएगी।

यह भी पढ़ें | UP: यूपी सीएम योगी का आतंक के खिलाफ बड़ा बयान, जानें क्या कहा

मौजूदा विज्ञापन नीति में मुआवजे की नहीं कोई व्यवस्था
बता दें कि मौजूदा विज्ञापन नीति (Advertisement Policy) में दुर्घटनाओं में मुआवजा देने की व्यवस्था नहीं है। प्रस्तावित नीति में नगर निकायों के सीमा क्षेत्र में होर्डिंग लगाने के नये मानक तय किये गये हैं। नगर विकास विभाग (Urban Development Department) द्वारा तैयार कराई गई प्रस्तावित नीति पर उच्च स्तर पर सहमति बन गई है। इसमें कुछ जरूरी संशोधन के बाद इसे कैबिनेट से पास करते हुए लागू करने की तैयारी है।

प्रस्तावित नीति के मुताबिक सड़कों की चौड़ाई से दोगुना ही होर्डिंग लगाने की अनुमति होगी। घर की दीवारों और छतों पर दीवारों पर 40 फीसदी क्षेत्र के बराबर ही होर्डिंग लग सकेगी। घरों या छतों पर होर्डिंग लगाने से पहले संबंधित नगर निगमों से लाइसेंस लेना होगा। नगर निकायों को शहरों में लगने वाले सभी होर्डिंग की 90 दिनों के अंदर जियो टैगिंग कराते हुए इसे निकायों की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा।

यह भी पढ़ें | Uttar Pradesh: यूपी के 2.44 लाख कार्मिकों का वेतन रुका, जानिये वजह

नगर निकाय जब्त करने के लिए स्वतंत्र 
रूफ टॉप विज्ञापन के लिए स्ट्रक्चरल इंजीनियर (Structural Engineer)
 की अनुमति भी जरूरी होगी। इसके लिए सभी निकायों में इनको सूचीबद्व किया जाएगा। किसी भूमि और भवन पर स्थापित, प्रदर्शित या रखे गए अनधिकृत विज्ञापन या इसके उपकरण को बिना किसी सूचना के हटा दिया जाएगा। नगर निकाय इसे जब्त करने के लिए स्वतंत्र होगा। अवैध होर्डिंग या प्रचार सामग्री हटाने पर इसके एवज में संबंधित व्यक्ति या संस्था से खर्च की वसूली की जाएगी। समय से शुल्क जमा न करने वालों से ब्याज के साथ वसूली होगी। वहीं अवैध विज्ञापन लगाने पर पांच गुना तक जुर्माना वसूला जायेगा।

क्षेत्रवार दर होंगी तय
नगर विकास विभाग द्वारा नई विज्ञापन नीति आने के बाद होर्डिंग लगाने के लिए दरें नए सिरे से तय की जाएंगी। इसके लिए क्षेत्रवार दरें तय की जाएंगी। आवंटन स्थल की माप की जाएगी। बाजार सर्वेक्षण व मांग के आधार पर ही दरें निर्धारित होंगी। 

 










संबंधित समाचार