ब्रिटेन में दिये गये राहुल गांधी के बयान को लेकर अब सैम पित्रोदा आये सामने, जानिये क्या कहा
ब्रिटेन में दिए राहुल गांधी के एक बयान पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के प्रमुख सैम पित्रोदा ने मंगलवार को कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कभी किसी दूसरे देश को मदद के लिए आमंत्रित नहीं किया और उनके खिलाफ ‘झूठ एवं दुष्प्रचार’ के आधार पर सुनियोजित ढंग से निजी हमला किया जा रहा है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: ब्रिटेन में दिए राहुल गांधी के एक बयान पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के प्रमुख सैम पित्रोदा ने मंगलवार को कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कभी किसी दूसरे देश को मदद के लिए आमंत्रित नहीं किया और उनके खिलाफ ‘झूठ एवं दुष्प्रचार’ के आधार पर सुनियोजित ढंग से निजी हमला किया जा रहा है।
राहुल गांधी ने लंदन में ‘भारत में लोकतंत्र पर हमले’ वाली टिप्पणी जब की थी, तो उस वक्त कार्यक्रम में पित्रोदा भी मौजूद थे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पित्रोदा ने ट्वीट किया, ‘‘राहुल गांधी ने लंदन में जो कहा है, उसको लेकर झूठ प्रचारित और प्रसारित करना बंद किया जाए। क्या आप लोग वहां थे? क्या आपने वीडियो देखा है? क्या आप जानते हैं कि उन्होंने क्या कहा था? बात किसी संदर्भ में की गई थी और उसका क्या संदेश था?’’
यह भी पढ़ें |
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने राहुल गांधी की याचिका खारिज होने के बाद कहा- साजिश से डरने वाले नहीं, जानिये पूरा अपेडट
उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने कहा था: भारतीय लोकतंत्र दुनिया की भलाई के लिए है, भारत में लोकतंत्र की स्थिति चिंताजनक है और हमारी संसद तथा हम लोग इस स्थिति से निपटेंगे।’’
पित्रोदा ने इस बात पर जोर दिया कि राहुल गांधी ने कभी भी किसी दूसरे देश को मदद के लिए आमंत्रित नहीं किया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह हास्यापस्पद है कि ‘झूठ एवं दुष्प्रचार’ के आधार पर सुनियोजित ढंग से निजी हमला किया जा रहा है।’’
यह भी पढ़ें |
सैम पित्रोदा का बड़ा बयान, 'पिता राजीव गांधी से ज्यादा समझदार हैं राहुल'
कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र को लेकर लंदन में दिए गए बयान पर संसद के दोनों सदनों में हुए हंगामे के कारण कार्यवाही मंगलवार को दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन के मशहूर शिक्षण संस्थान कैंब्रिज विश्वविद्यालय में दिए व्याख्यान में यह आरोप लगाया था कि भारत में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर रहे हैं।