नूपुर शर्मा विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने नविका को दी अंतरिम राहत, जानिये पूरा मामला
उच्चतम न्यायालय ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में निलंबित भारतीय जनता पार्टी नेता नूपुर शर्मा की आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामले में ‘टाइम्स नाउ’ की एंकर नविका कुमार को सोमवार को अंतरिम राहत दी। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में निलंबित भारतीय जनता पार्टी नेता नूपुर शर्मा की आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामले में ‘टाइम्स नाउ’ की एंकर नविका कुमार को सोमवार को अंतरिम राहत दी। उन्हें अगले आदेश तक दंडात्मक कार्रवाई से छूट दे दी।
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न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने नविका की याचिका पर दिल्ली, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों को अगले आदेश तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने के साथ-साथ उन राज्यों की पुलिस से दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब देने का आदेश दिया।
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‘टाइम्स नाऊ’ टीवी पर 26 मई को एक चर्चा कार्यक्रम के दौरान पैगंबर मोहम्मद के बारे में भाजपा प्रवक्ता नुपुर द्वारा की गई टिप्पणियों पर उनके अलावा नविका के खिलाफ भी प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं। ये मुकदमे कई राज्यों में दर्ज किए गए थे।
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शीर्ष अदालत ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में नूपुर द्वारा की गई टिप्पणियों पर दर्ज की गई कई प्राथमिकियों या इस मामले में भविष्य में दर्ज अन्य मामलों के संबंध में किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम संरक्षण प्रदान की। शीर्ष अदालत ने 19 जुलाई को नूपुर को इसी प्रकार की राहत दी थी।
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वरिष्ठ पत्रकार नविका की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दलील देते हुए कहा कि जो शो की एंकरिंग कर रहे थे, उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद पर बहस के दौरान कुछ भी आपत्तिजनक नहीं कहा था। हालांकि, एक प्रतिभागी ने कुछ ऐसा कहा जिसका दूसरे ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वास्तव में उन्होंने (नविका) ने यह कहकर ‘आग: बुझाई’ थी कि हमें संविधान का पालन करना है।
उन्होंने कहा कि बयान देने वाली महिला (नूपुर) को अलग-अलग प्राथमिकियों में आलोचना का सामना करना पड़। याचिकाकर्ता को कई राज्यों में मुकदमों का भी सामना करना पड़ रहा है। नविका की ओर से वकील ने कहा कि मैं अकेले कोलकाता में पांच या छह एफआईआर का सामना कर रहा हूं। पहली एफआईआर दिल्ली में दर्ज की गई थी।
शीर्ष अदालत एक जुलाई को नूपुर की इसी तरह की याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए सख्त टिप्पणियां की थी। अदालत ने यह कहते हुए कि उसकी टिप्पणी ने पूरे देश को आग लगा दी थी, राहत देने से इनकार कर दिया। शर्मा को दिल्ली, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, जम्मू और कश्मीर और अन्य राज्यों में मामलों का सामना करना पड़ा। (वार्ता)