ओडिशा पुलिस ने पूर्व मंत्री की हत्या के सिलसिले में आरोपपत्र दाखिल किया
ओडिशा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास के बर्खास्त सहायक पुलिस उपनिरीक्षक गोपाल दास ने व्यक्तिगत रंजिश और द्वेष के कारण गोली मारकर उनकी हत्या की थी। पुलिस की ओर से इस मामले में शुक्रवार को दाखिल किए गए आरोपपत्र में यह बात कही गयी है।
भुवनेश्वर: ओडिशा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास के बर्खास्त सहायक पुलिस उपनिरीक्षक गोपाल दास ने व्यक्तिगत रंजिश और द्वेष के कारण गोली मारकर उनकी हत्या की थी। पुलिस की ओर से इस मामले में शुक्रवार को दाखिल किए गए आरोपपत्र में यह बात कही गयी है।
मंत्री पर गोली चलाने के तुरंत बाद पुलिस ने दास को गिरफ्तार कर लिया था और फिर उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।
आरोपपत्र के मुताबिक, 29 जनवरी को हुई इस घटना में गोपाल दास अकेला आरोपी है और यह हत्या पुरानी दुश्मनी का नतीजा थी। आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 307 (हत्या का प्रयास), 302 (हत्या) और शस्त्र अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए हैं।
यदि अदालत में यह आरोप साबित हो जाता है तो सहायक पुलिस उपनिरीक्षक (एएसआई) गोपाल दास को 10 साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा हो सकती है और जुर्माना लगाया जा सकता है।
विपक्षी दलों--भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्य पुलिस की अपराध शाखा द्वारा दाखिल आरोप पत्र जानकारियां बताने के बजाय उन्हें छुपाता ज्यादा है।
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भाजपा के प्रदेश महासचिव पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा, 'आरोपपत्र झूठ से भरा है। यह स्पष्ट नहीं करता है कि किस डर से उसने ऐसा कदम उठाया। साथ ही, इसमें यह भी उल्लेख नहीं है कि गोपाल दास ने हत्या की योजना कब बनाई थी?'
जांच पर नाखुशी जताते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा ने आरोप लगाया कि साजिश के कोण की जांच नहीं की गई।
ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा ने इस मामले में 543 पृष्ठों का आरोपपत्र शुक्रवार को झारसुगुड़ा न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अदालत में दाखिल किया।
गोपाल दास के खिलाफ आरोप चश्मदीदों के बयानों और एक वैज्ञानिक टीम की रिपोर्ट पर आधारित हैं।
हत्या के पीछे के मकसद की जांच के लिए यह मामला पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दिया गया था।
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अदालत ने उसे मूल्यांकन के लिए बेंगलुरु में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान ले जाने के उसके अनुरोध को ठुकरा दिया। इसने राज्य द्वारा संचालित एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के विशेषज्ञों वाले मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें सुझाव दिया गया था कि गोपाल दास मानसिक रूप से स्वस्थ था।
झारसुगुड़ा जिले के आधिकारिक दौरे पर आए पूर्व मंत्री पर ब्रजराजनगर गांधी चौक पर दास ने कथित तौर पर गोलियां चलाई थीं।
पुलिस की ओर से दाखिल आरोपपत्र में कहा गया है कि आरोपी ने सावधानीपूर्वक इसकी योजना बनाई और अकेले ही हत्या को अंजाम दिया। इसमें किसी और का कोई षड्यंत्र या समर्थन नहीं था।
पुलिस ने आरोपपत्र में कहा, ‘‘ सभी सबूतों-मौखिक, दस्तावेजी, मेडिको-लीगल, साइबर फॉरेंसिक और बैलेस्टिक संबंधी सुझावों के मूल्यांकन के बाद यह स्पष्ट है कि आरोपी गोपाल दास के मन में मंत्री नब किशोर दास के खिलाफ व्यक्तिगत रंजिश और द्वेष था। उसे मंत्री और उनके समर्थकों से खतरा महसूस हुआ और उसे अपनी जान का खतरा था। इसीलिए धीरे-धीरे उसने मंत्री की हत्या करने का मन बना लिया था। ’’