चौधरी के निलंबन के मुद्दे को लेकर खरगे, राहुल समेत विपक्षी सांसदों ने प्रदर्शन किया
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और विपक्षी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के कई घटक दलों के नेताओं ने लोकसभा से अधीर रंजन चौधरी के निलंबन के मुद्दे पर शुक्रवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और विपक्षी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के कई घटक दलों के नेताओं ने लोकसभा से अधीर रंजन चौधरी के निलंबन के मुद्दे पर शुक्रवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, विपक्षी सांसद संसद परिसर में मार्च करते हुए बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा तक पहुंचे और वहां प्रदर्शन किया।
विपक्ष के सांसदों ने ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ के नारे लगाए। कई सदस्यों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं जिन पर ‘सेव डेमोक्रेसी’ (लोकतंत्र बचाओ) लिखा हुआ था।
यह भी पढ़ें |
Supreme Court: युवा कांग्रेस अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास के लिए राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी अग्रिम जमानत
खरगे ने आरोप लगाया, ‘‘संविधान की धज्जिया उड़ाई जा रही हैं, भाजपा सरकार और खासकर प्रधानमंत्री मोदी, संविधान के तहत सदन नहीं चलने देन चाहते। नियमों को अलग रखकर हर सदस्य को धमकी दे रहे हैं। सदस्यों को निलंबित करके विशेषाधिकार समिति के पास भेजा जा रहा है ताकि सदस्य कार्य मंत्रणा समिति में भी शामिल न हों।’’
उन्होंने दावा किया कि चौधरी को लोक लेखा समिति से दूर करने के लिए उन्हें निलंबित किया गया ताकि वह सरकार की कमियां को न बता पाएं। चौधरी लोक लेखा समिति के अध्यक्ष हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ये लोग लोकतंत्र को दबाना चाहते हैं, संविधान के तहत नहीं चलना चाहते। सरकार के गैरकानूनी कदम के खिलाफ हम लड़ते रहेंगे।’’
यह भी पढ़ें |
कपिल सिब्बल ने पहलवानों के प्रदर्शन के बीच उठाया ये बड़ा मुद्दा, जानिये क्या कहा
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर की गई कुछ टिप्पणियों और उनके आचरण को लेकर बृहस्पतिवार को उन्हें सदन से निलंबित कर दिया गया और उनके खिलाफ इस मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इससे जुड़ा एक प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। इससे पहले, कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर चुके थे।
प्रस्ताव के अनुसार, विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक कांग्रेस नेता चौधरी सदन की कार्यवाही से निलंबित रहेंगे। चौधरी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री का अपमान नहीं किया, बल्कि उदाहरण के तौर पर कुछ शब्दों का इस्तेमाल किया था।