पाकिस्तान: न्यायपालिका के खिलाफ धरने में शामिल हुए मरियम नवाज व मौलाना फजलुर रहमान

डीएन ब्यूरो

पाकिस्तान के सत्तारूढ़ गठबंधन ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से जुड़े मामलों के संबंध में न्यायपालिका के कुछ हालिया फैसलों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय के बाहर सोमवार को प्रदर्शन किया।

मरियम नवाज व मौलाना फजलुर रहमान
मरियम नवाज व मौलाना फजलुर रहमान


इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सत्तारूढ़ गठबंधन ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से जुड़े मामलों के संबंध में न्यायपालिका के कुछ हालिया फैसलों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय के बाहर सोमवार को प्रदर्शन किया। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की नेता मरियम नवाज शरीफ और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान भी प्रदर्शन में शामिल हुए।

सत्तारूढ़ गठबंधन का कहना है कि इन फैसलों से खान को कई मामलों में व्यापक राहत मिली है।

इससे पहले दिन में, पीएमएल-एन, जेयूआई-एफ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों समेत कई प्रदर्शनकारी देश की राजधानी में धारा 144 लागू होने के बावजूद ‘रेड जोन’ (वर्जित क्षेत्र) में घुस गए और उन्होंने उच्चतम न्यायालय के सामने एक मंच बनाया।

देश के 13 राजनीतिक दलों के सत्तारूढ़ गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के प्रमुख फजलुर रहमान ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि उनका संगठन पूर्व प्रधानमंत्री खान के प्रति कथित न्यायिक समर्थन को लेकर पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश (सीजेपी) उमर अता बांदियाल के विरोध में सोमवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष प्रदर्शन करेगा।

ऐसा माना जा रहा था कि प्रदर्शनकारी प्रतीकात्मक प्रदर्शन करने के बाद परिसर से चले जाएंगे, लेकिन जेयूआई-एफ ने इस प्रदर्शन को ‘‘धरने’’ में बदल दिया।

जेयूआई-एफ ने ट्वीट किया, ‘‘प्रबंधन समिति ने इस्लामाबाद में उच्चतम न्यायालय परिसर के बाहर धरने के लिए व्यवस्था को अंतिम रूप दे दिया है। प्रबंधन समिति ने विरोध प्रदर्शन को धरने में बदलने की व्यवस्था शुरू कर दी है।’’

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पार्टी ने कहा कि वह कार्यक्रम स्थल पर तम्बू लगाएगी और शौचालय भी बनाएगी। प्रदर्शनकारियों ने खान की रिहाई का आदेश देने को लेकर प्रधान न्यायाधीश के इस्तीफे की मांग की और उनके खिलाफ नारेबाजी की।

विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भी इस प्रदर्शन में शामिल होने वाले थे, लेकिन पीपीपी के वरिष्ठ सदस्यों ने उन्हें ऐसा नहीं करने की सलाह दी।

जिला प्रशासन के अनुसार, प्रदर्शनकारी ‘रेड जोन’ में घुस आए और उन्होंने पुलिस एवं प्रशासन को पीछे धकेल दिया।

प्रशासन ने बताया कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने विरोध प्रदर्शन की स्थिति के बारे में गृह मंत्रालय को सूचित कर दिया है। उसने कहा, ‘‘जिला प्रशासन ने पीडीएम को विरोध करने की अनुमति देने का फैसला किया था, लेकिन यह फैसला गृह मंत्रालय की मंजूरी के अधीन था।’’

‘जियो न्यूज’ ने इस्लामाबाद पुलिस प्रवक्ता के हवाले से कहा, ‘‘पीडीएम कार्यकर्ता उच्चतम न्यायालय के द्वार के बाहर पहुंचे। प्रदर्शनकारी ‘रेड जोन’ में घुस आए, लेकिन हालात शांतिपूर्ण हैं।’’

‘डॉन न्यूज’ ने बताया कि ‘रेड जोन’ की ओर जाने वाले सभी मार्गों को वाहनों के लिए बंद कर दिया है।

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इस बीच, इमरान खान (70) ने कहा कि एक ओर सुरक्षा एजेंसी की मदद से पीडीएम के ‘‘गुंडे’’ उच्चतम न्यायालय पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं और संविधान को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जबकि दूसरी ओर सरकार कम से कम 7,000 लोगों को गिरफ्तार करके और दर्जनों निहत्थे प्रदर्शनकारियों की हत्या करके पीटीआई के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। उन्होंने देश के सभी नागरिकों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के लिए तैयार रहने की अपील की।

प्रदर्शनस्थल को लेकर जेयूआई-एफ और प्राधिकारियों के बीच वार्ता विफल रही, जिसके बाद पार्टी ने न्यायालय परिसर के बाहर प्रदर्शन करने का संकल्प लिया।

पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने खान की जमानत शुक्रवार को मंजूर कर ली थी। खान (70) को मंगलवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर से गिरफ्तार किया गया था और जवाबदेही अदालत ने उन्हें अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में आठ दिन के लिए राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) की हिरासत में भेज दिया था।

खान ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय के बाहर किए जा रहे जेयूआई-एफ के ‘‘नाटक’’ का एकमात्र उद्देश्य पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश को डराना है, ताकि वह संविधान के अनुसार फैसला न करें।

खान की गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में मंगलवार को हिंसक प्रदर्शन शुरू हुए थे, जो शुक्रवार तक जारी रहे। इन प्रदर्शनों में कई लोगों की मौत हो गई और दर्जनों सैन्य एवं सरकारी संस्थानों के परिसरों को नुकसान पहुंचा।

 










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